नई दिल्ली. आइसा के नेतृत्व में दिल्ली विश्विद्यालय के सैकड़ों छात्रों ने आज फर्जी डिग्री के आधार पर डूसू अध्यक्ष अंकिव बसोया के हुए नामांकन को रद्द करने और उसके ऊपर अपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर डीयू वीसी और डीएसडब्ल्यू का घंटों घेराव किया।
नामांकन और चुनाव स्क्रूटनी के जाँच प्रक्रिया को धता बताते हुए और अपने राजनीतिक पहुंच के धौंस पर अंकिब बसोया ने तिरुवल्लुर यूनिवर्सिटी से बीए की फ़र्ज़ी डिग्री (जिसको तिरुवल्लुर यूनिवर्सिटी समाचार पत्रों में घोषणा भी कर चुकी है) के आधार पर डीयू में एम.ए. बौद्ध अध्यन विभाग में नामांकन कराया और डूसू चुनाव में अध्यक्ष पर जीत भी दर्ज कर लिया लेकिन 45 दिन बीत जाने के बाद भी ऐसे फ़र्ज़ी डिग्री धारक डूसू अध्यक्ष के खिलाफ डीयू प्रशासन अभी तक कोई करवाई नही की है. डीयू प्रशासन की चुप्पी दर्शाती है कि किस तरह से आरएसएस और भाजपा के दबाव में अंकिव बसोया जो की एबीवीपी का सदस्य है, को बचाने में लगी हुई है.
दो घंटे तक घेराव के बाद छात्रों के दबाव में डीएसडब्ल्यू बाहर निकल कर आये और छात्रों से बात की. जब छात्रों ने बिना किसी ठोस पहल किये वगैर घेराव नही खत्म करने की बात कही तो उन्होंने इसके ऊपर जाँच कर और करवाई के लिए 2 नवम्बर तक का समय देने की बात कही. उन्होंने आश्वासन दिया कि अगले सप्ताह पूरी करवाई के कागजात छात्रों को उपलब्ध करवाया जायेगा.
घेराव के बाद हुए सभा को संबोधित करते हुए आइसा नेता और इस बार के डूसू अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अभिज्ञान ने कहा कि हम इस तरह के फर्ज़ीवाड़े के खिलाफ है. ये घटना डीयू के पूरे नामांकन और चुनाव प्रक्रिया पर सवालिया निशान है. अंकिव बसोया ने पुरे डीयू के छात्र-छात्राओं के साथ धोखा किया है. हम दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थी इसको स्वीकार नही कर सकते. ये एक अपराधिक मामला बनता है,इसलिए डीयू प्रशासन को अविलंब बसोया पर मुकदमा करनी होगी और उसे डूसू अध्यक्ष पद से हटाना होगा.