समकालीन जनमत

Month : September 2019

जनमतशिक्षा

किसके हित में है नयी शिक्षा नीति: आम जन या पूंजीपति?

समकालीन जनमत
रामावतार शर्मा मोदी सरकार की प्रस्तावित नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, शैक्षणिक गुणवत्ता में गिरावट लाते हुए शिक्षा के व्यापार को और तेज गति देगी, इंसानियत...
जनमतशिक्षा

सावित्रीबाई फुले के जन्म दिन को मनाया जाए शिक्षक दिवस के रूप में

डॉ रामायन राम
पिछले कुछ वर्षों से भारत के बहुजन समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों की ओर से भारत की प्रथम स्त्री शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के जन्म...
जनमतशिक्षा

स्त्री शिक्षा : आधे-अधूरे चित्त की उपज

समकालीन जनमत
कमलानंद झा ‘‘क्यों कर लड़कियां लिख-पढ़कर अपने सासरे वालों के बस में नहीं रहेंगी निश्चय वह तन-मन से अपने पुरूष की टहल करेंगी और आज्ञा...
जनमतशिक्षा

विश्वविद्यालयों की बात: गोपाल प्रधान

गोपाल प्रधान
2017 में वर्सो से स्टेफान कोलिनी की किताब ‘स्पीकिंग आफ़ यूनिवर्सिटीज’ का प्रकाशन हुआ । आजकल विश्वविद्यालयों और उनके विद्यार्थियों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी...
जनमतशिक्षा

अध्यापन के अनुभव: गोपाल प्रधान

गोपाल प्रधान
बिना किसी महिमामंडन के कहें तो अध्यापन का काम विद्यार्थी पर अपनी सत्ता को स्थापित होते हुए देखने की खुशी है । इसीलिए निजी जीवन...
जनमतशिक्षा

शिक्षा और मार्क्सवाद

गोपाल प्रधान
शिक्षा का सवाल मार्क्सवाद के भीतर महत्वपूर्ण होते हुए भी बहुधा उपेक्षित रहा है लेकिन क्रमश: इस मामले में भी दोनों के बीच जीवंत संवाद...
जनमतशिक्षा

दीवार पत्रिका के साथ मेरा अनुभव

समकालीन जनमत
महेश चंद्र पुनेठा      वर्ष 2000 के आसपास की बात है डी0पी0ई0पी0 के अंतर्गत सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण में मुख्य संदर्भ व्यक्ति के रूप में...
जनमतशिक्षा

हमारे स्कूलों को क्या चाहिए: बच्चों को तोड़ना-जोड़ना सिखाएं

शिक्षक दिवस से पहले यह जानने की कोशिश कि हम कैसे सीखते हैं और सीखना क्या चाहिए? अरविन्द गुप्ता चेन्नई, जहां मैं रहता हूं, के...
ख़बरज़ेर-ए-बहस

लोकतांत्रिक अधिकारों के रक्षार्थ राष्ट्रीय अधिवेशन

समकालीन जनमत
पीयूसीएल की ओर से आईटीओ नई दिल्ली के मालवीय स्मृति संस्थान में विभिन्न समसामियक विषयों पर (31 अगस्त व 1 सितंबर) दो दिवसीय अधिवेशन आयोजित...
जनमत

स्कूलों के बारे में समझ बनाने के लिए जरूरी है उनकी ऐतिहासिक पड़ताल

समकालीन जनमत
(समकालीन जनमत शिक्षक दिवस के अवसर पर लेखों की एक शृंखला शुरू कर रहा है । प्रस्तुत है इस शृंखला का पहला लेख जिसके लेखक...
साहित्य-संस्कृति

साहित्य की पारिस्थितिकी पर खतरा

गोपाल प्रधान
साहित्य की पारिस्थितिकी आखिर है क्या ? इसका सबसे पहला उत्तर किसी के भी दिमाग में यह आता है कि समाज ही साहित्य की पारिस्थितिकी...
ज़ेर-ए-बहसव्यंग्य

अब फिट होगा इंडिया

लोकेश मालती प्रकाश सरकार ने देश की सेहत दुरुस्त करने का बीड़ा उठा लिया है। इसके लिए बाकायदे फिट इंडिया मूवमेंट को खुद प्रधानमंत्रीजी ने...
ज़ेर-ए-बहसव्यंग्य

रोमिला थापर की सीवी बनाम मोदी सरकार की डिग्री

समकालीन जनमत
धर्मराज कुमार  आजकल सोशल मीडिया पर दिलचस्प ख़बर पढ़ने को मिलती है। ऐसी ही ख़बरों के हवालों से पता चला कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन...
साहित्य-संस्कृति

प्रतिरोध साहित्य का मूल स्वर है जो समाज निर्माण का स्वप्न लेकर चलता है

डॉ हरिओम
  साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता रहा है. मतलब समाज जैसा है उसे वैसा ही दिखाने वाला लेखन साहित्य है. बचपन से हम...
कविताजनभाषाजनमत

अपने समय से सार्थक संवाद हैं सुस्मिता पाठक की कविताएँ

समकालीन जनमत
रमण कुमार सिंह समकालीन मैथिली कविता में सुस्मिता पाठक एक सुपरिचित और सम्मानित नाम है। मैथिली में स्त्री लेखन को आधुनिक चेतना और नया तेवर...
ख़बर

एन आर सी की फाइनल सूची पर भाकपा(माले) का बयान

समकालीन जनमत
नई दिल्‍ली 31 अगस्‍त असम में नेशनल रजिस्‍टर ऑफ सिटीजन्‍स (एनआरसी) की फाइनल सूची प्रकाशित हो चुकी है. 19 लाख से ज्‍यादा लोग (कुल 19,06,657)...
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