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दिल्ली मेट्रो में किराया वृद्धि के खिलाफ छात्र-छात्राओं का प्रतिरोध मार्च, पीएमओ ने सात दिनों का समय मांगा

 

दिल्ली मेट्रो के किराए में हुई बेतहाशा वृद्धि के खिलाफ और मेट्रो में छात्रों के लिए रियायती पास की मांग को लेकर दिल्ली के छात्र समुदाय ने छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के नेतृत्व में 8 फरवरी को मानव संसाधन विकास मंत्रालय से प्रधानमंत्री कार्यालय तक “आज हड़ताल, कल हड़ताल/न माने तो डेरा डाल ”, “सस्ती मेट्रो का अधिकार मांगते/नहीं किसी से भीख मांगते” के नारों के साथ प्रतिरोध मार्च निकाला |

पीएमओ के सामने छात्रों को पुलिसकर्मियों द्वारा पुलिस बैरिकेड कर रोका गया |
कुछ छात्रों के बैरीकेड तोड़ने के बाद डीयू आइसा की अध्यक्ष कंवलप्रीत कौर ने पुलिस को चेतावनी दी-, “दिल्ली पुलिस के पास 10 मिनट हैं। अगर 10 मिनट के भीतर, पीएमओ का कोई प्रतिनिधि हमारे साथ संवाद नहीं करता है, तो चाहे कितने बैरिकेड लगाए जाएंगे, हम उन सभी को तोड़ देंगे। ”

प्रदर्शन करते छात्र-छात्राएँ                              ( फोटो : हेमंतिका सिंह और प्रकाश, आइसा )

अपने इरादों के बारे में सवालों के जवाब में उन्होंने घोषणा की, “हम प्रधान मंत्री के साथ ‘चाय पे चर्चा’ में शामिल होने के लिए नहीं आए हैं। चाहे आप हमें ग्रीन चाय या काली चाय दें, हम यहां पूरी तरह से दो मांगों के लिए हैं: एक, मेट्रो के किराया में बढ़ोतरी को वापस लिया जाए; और दूसरा, छात्रों को मेट्रो के रियायती पास प्रदान किए जाएं। ”

                                                                           (फोटो : हेमंतिका सिंह और प्रकाश, आइसा )

 

कौर ने अपने जोशीले भाषण में आगे कहा, “छात्रों के पास कमाई का कोई स्रोत नहीं है, किराया वृद्धि ने हमारे मासिक बजट को प्रभावित किया है, न केवल छात्रों, बल्कि दिल्ली के आम लोग भी इससे प्रभावित हुए हैं। यही कारण है कि दिल्ली मेट्रो 1 करोड़ लोगों की सवारी को खो चुकी है। हम मोदीजी से पूछना चाहते हैं, “1 करोड़ लोग कौन हैं?” वे आम लोग हैं जो हर दिन अपना खून और पसीना बहाते हैं। अगर 1 करोड़ लोगों को मेट्रो की सुविधा नहीं दे पा रहे हैं तो मेट्रो का सार्वजनिक परिवहन के रूप में क्या उपयोग है ? इसे बंद कर दो।”

छात्र -छात्राओं के चेतावनी के अभी 8 मिनट बचे थे तभी पीएमओ से सूचना मिली, जिसमें प्रतिनिधिमंडल को कार्यालय के अंदर भेजा जाना था। इसके बाद 5 अलग-अलग विश्वविद्यालयों- डीयू, जेएनयू, आईपीयू, एयूडी और जामिया मिलिया का प्रतिनिधित्व करने वाले 5 छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल को अंदर भेजा गया ।

इसके बाद, आइसा की दिल्ली राज्य उपाध्यक्ष मधुरिमा कुंडू ने मीडिया  से कहा कि  “प्रधानमंत्री मोदी हमेशा युवाओं को देश का भविष्य कहते हैं, आज जब युवा सड़कों पर आ गए हैं तो उन्हें जिम्मेदारी लेनी होगी और हमारी मांगों को सुनना होगा। ”

आइसा के राज्य सचिव नीरज कुमार ने कहा, “प्रतिनिधिमंडल पीएमओ के एक प्रतिनिधि से मिला और मांगों का ज्ञापन सौंपा। पीएमओ ने सात दिनों का समय मांगा है जिसके भीतर उन्होंने हमारी मांगों पर अमल करने का आश्वासन दिया है । इस बीच, हम इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष करना जारी रखेंगे। ”

 

वैभवी शर्मा पाठक
vaibhavis@dubeat.com

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