समकालीन जनमत

Tag : नवनीत शर्मा

कविता

दौरे हाजि़र पर एक गहरी नज़र हैं ग़ज़ाला की ग़ज़लें

समकालीन जनमत
नवनीत शर्मा ग़ज़ाला की ग़ज़लों में सबके अहसास अपनी लिखी कहानी को ही जी रही हूँ अब इक जैसा ही तो है मेरा किरदार ,और...
कविताजनमत

नवनीत की ग़ज़लें यथास्थितिवाद का प्रतिकार हैं

समकालीन जनमत
प्रभात मिलिंद मेरी नज़र में एक ग़ज़लगो होना और एक शायर होना दो मुख़्तलिफ़ इल्म हैं. ग़ज़लगोई एक हुनर (स्किल) है और शायरी एक तेवर...
कविताजनमत

भाषा के अनोखे बर्ताव के साथ कविता के मोर्चे पर चाक चौबंद कवि कुमार विजय गुप्त

समकालीन जनमत
नवनीत शर्मा इस कवि के यहां अनाज की बोरियों का दर्द के मारे फटा करेजा नुमायां होता है…। यह उन शब्दों की तलाश में है...
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