चित्रकला ‘ आ रहा फावड़ा लिए समय का यह किसान , जो तुझे काटकर मुझे पाटकर भर देगा ’समकालीन जनमतJanuary 22, 2021January 22, 2021 by समकालीन जनमतJanuary 22, 2021January 22, 20210578 तुम देखोगे सामने तुम्हारे आँखों के, खलता की खेती हरी तुम्हारी डूबेगी/आ रहा फावड़ा लिए समय का यह किसान, जो तुझे काटकर मुझे पाटकर भर...