ज़ेर-ए-बहस महिला हिंसा और समकालीन स्त्री काव्य चेतनाकौशल किशोरNovember 12, 2019November 12, 2019 by कौशल किशोरNovember 12, 2019November 12, 201904596 शमशेर बहादुर सिंह की मशहूर कविता है ‘काल से होड़’। अपनी इस कविता में वे कहते हैं ‘काल तुझसे होड़ है मेरी – अपराजित तू/तुझ...
जनमतशख्सियतस्मृति प्रेमचंद की दलित स्त्रियाँ: वैभव सिंहसमकालीन जनमतJuly 31, 2019July 31, 2019 by समकालीन जनमतJuly 31, 2019July 31, 201904644 वैभव सिंह प्रेमचंद जितना पुरुष-जीवन का अंकन करने वाले कथाकार हैं, उतना ही स्त्रियों के जीवन के भी विविध पक्षों को कथा में व्यक्त करते...