कविता आशुतोष कुमार की कविताएँ समय के व्यर्थताबोध से आगे बढ़ने का हौसला हैंसमकालीन जनमतJanuary 7, 2024January 8, 2024 by समकालीन जनमतJanuary 7, 2024January 8, 202401513 चंद्रभूषण अयोध्या यह चिट्ठी पढ़े न पढ़े, आप तो पढ़ें .. आज जब अयोध्या में रामलला का मंदिर ‘वहीं’, ‘उसी जगह’, एक राष्ट्रव्यापी हंगामे से...
साहित्य-संस्कृति भारतीय फासीवाद के मूल में सांस्कृतिक पर्यावरण पर वर्णाश्रम के संस्कारों का प्रभुत्व कायम करनासमकालीन जनमतFebruary 27, 2023February 27, 2023 by समकालीन जनमतFebruary 27, 2023February 27, 2023088 लखनऊ। जन संस्कृति मंच लखनऊ के वार्षिक आयोजन के तहत पहले सत्र में अनिल सिन्हा स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 25 फरवरी...
कविता यातना का साहस भरा साक्षात्कार हैं लाल्टू की कविताएँआशुतोष कुमारApril 26, 2020April 30, 2020 by आशुतोष कुमारApril 26, 2020April 30, 202003189 धरती प्रकृति ने बनाई है. लेकिन दुनिया आदमी ने बनाई हैं. दुनिया की बीमारियाँ , पागलपन और विक्षिप्तियाँ भी आदमी ने बनाई हैं. लेकिन कविता,...
कविताजनमत वीरेनियत 4: जहाँ कविता के बाद का गहन सन्नाटा बजने लगासमकालीन जनमतNovember 3, 2019November 3, 2019 by समकालीन जनमतNovember 3, 2019November 3, 201912030 आशुतोष कुमार दिन वैसे अच्छा नहीं था। दिल्ली आसपास का दम काले धुंए में घुट रहा था। छुट्टियों के कारण बहुत से दोस्त शहर से...