समकालीन जनमत

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कविता

लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता की कविताएँ देशकाल की पड़ताल और प्रतिगामी शक्तियों की शिनाख़्त करती हैं।

समकालीन जनमत
अरुण आदित्य लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता की कविता देशकाल की पड़ताल और प्रतिगामी शक्तियों के प्रतिरोध की कविता है। यहाँ हाशिए के लोग हैं, उनका श्रम...
कविता

संजय कुंदन की कविताएँ स्थगित प्रश्नकाल में ख़तरनाक सवाल की उपस्थिति हैं।

उमा राग
अरुण आदित्य संजय कुंदन की कविताओं में गूंजती विविध आवाजों को सुनें तो लगता है कि शास्त्रीयता के बोझ से मुक्त यह कविता दरअसल कविता...
कविता

अरुण आदित्य वक्र उक्ति के सहज कवि हैं

समकालीन जनमत
बोधिसत्व कवि अरुण आदित्य की कविता हिंदी में कहाँ उपस्थित है इस बात का आकलन इन पंद्रह कविताओं से नहीं किया जा सकता। वे स्थापित...
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