जनमतस्मृति ‘ फ़िराक़ ’ गोरखपुरी : एक बुजुर्ग बालकसमकालीन जनमतAugust 28, 2019August 28, 2019 by समकालीन जनमतAugust 28, 2019August 28, 201902024 ‘बचा के रखी थी मैंने अमानते-तिफ़ली’ …… ‘फ़िराक़’ साहब के भीतर एक बच्चा रहता रहा है। वे इस हयात, कायनात, उसके रहस्य-रोमांच और सौंदर्य को,...