समकालीन जनमत

Tag : श्रुति कुशवाहा

पुस्तक

श्रुति कुशवाहा के कविता संग्रह ‘सुख को भी दुःख होता है’ की पुस्तक समीक्षा

पवन करण इन दिनों मर्जियों का शासन है….. मेरा भोजन, मेरे कपड़े मेरी आस्था पर भारी है ….उनकी मर्जी कवि श्रुति कुशवाहा के कविता संग्रह...
कविता

श्रुति कुशवाहा की कविताओं में स्त्री विमर्श एक आक्रामक तेवर के साथ उपस्थित है।

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय स्त्री विमर्श जब ठंडा-सा हो तो वह स्त्री के पक्ष में खड़ा ज़रूर नज़र आता है लेकिन उसकी निर्णायक भूमिका संदिग्ध ही होती...
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