ज़ेर-ए-बहसशख्सियत वंचितों और पराधीन लोगों की ओर से बोलने वाले पहले दार्शनिक थे बुद्ध– प्रो. गोपाल प्रधानसमकालीन जनमतDecember 9, 2019 by समकालीन जनमतDecember 9, 201902447 ” जिसे बौद्ध दर्शन का दुःखवाद कहा जाता है उसे अगर सामान्य जीवन के अर्थों में परिभाषित करें तो क्या परिभाषा निकलती है कि दुःख...