समकालीन जनमत

Tag : विनय सौरभ

पुस्तक

विनय सौरभ का कविता संग्रह ‘बख़्तियारपुर’ स्मृतियों के माध्यम से वर्तमान को परखने की एक सफल कोशिश है

समकालीन जनमत
प्रज्ञा गुप्ता   आज के समय में जब संबंधों की उष्मा के मायने कम हो रहे हैं; हमारी संवेदना के लिए घटनाएं मात्र एक खबर...
कविता

आनंद बहादुर की कविताएँ जीवन की अंतर्यात्रा को उकेरती हैं

समकालीन जनमत
विनय सौरभ   नहीं होने ने जो थोड़ी सी जगह खाली की है वह मैं हूँ एक दिन नहीं होना किसी जगह से आएगा और...
कविता

सुभाष यादव की कविताएँ संभावनाओं की आवाज़ हैं

समकालीन जनमत
विनय सौरभ   सुभाष यादव की कविताएँ आपको चौंकाएँगी नहीं। न ही किसी विस्मय से भरेंगी ! ये कविताएँ वैसी ही हैं जैसे किसी निर्जन...
कविता

राही डूमरचीर आदिवासी समाज और जीवन के गहरे कंसर्न के कवि हैं

समकालीन जनमत
विनय सौरभ राही डूमरचीर की कविताएँ पढ़ते हुए कुछ साधारण चीज़ें असाधारण तरीक़े से उनकी कविताओं में आती दिखती हैं। जैसे उनकी कविताओं के विषय।...
कविता

विनय सौरभ लोक की धड़कती हुई ज़मीन के कवि हैं

समकालीन जनमत
प्रभात मिलिंद कवि अपनी कविता की यात्रा पर अकेला ही निकलता है. जब इस यात्रा के क्रम में पाठक उसके सहयात्री हो जाएँ तो समझिए...
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