समकालीन जनमत

Tag : मुश्ताक अहमद यूसुफी

साहित्य-संस्कृति

केस हिस्ट्री: मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी

समकालीन जनमत
यह “निबंध-नुमा भाषण या भाषण-नुमा निबंध” मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी की अंतिम रचना “शाम-ए-शेर-ए-याराँ” से लिया गया है। इसे उन्होंने ‘पाकिस्तान सोसाइटी ऑफ़ फ़िज़ीशियंस’ के वार्षिक...
Fearlessly expressing peoples opinion