ख़बर ‘औरत ही रोती है पहले’- रोशनी में अंधेरे की पड़ताल करती कविताएँकौशल किशोरJune 12, 2022June 12, 2022 by कौशल किशोरJune 12, 2022June 12, 20220120 लखनऊ, 12 जून। मिथिलेश श्रीवास्तव की कविताओं का तीसरा संग्रह है ‘औरत ही रोती है पहले’। यह पिछले दिनों परिकल्पना प्रकाशन, दिल्ली से आया। लिखावट...
स्मृति मेरी नींद मत लो मेरे सपने लो: मंगलेश स्मृतिसमकालीन जनमतMay 17, 2021May 18, 2021 by समकालीन जनमतMay 17, 2021May 18, 202101342 मिथिलेश श्रीवास्तव दिल्ली शहर मंगलेश डबराल की कविता ‘मत्र्योश्का’ की तरह है ( मत्र्योश्का रूस की एक लोकप्रिय गुड़िया है जिसमें लकड़ी की बनी क्रमशः...