कविता विश्वासी एक्का की कविताओं में प्रेम और संघर्ष दोनों ही परम स्वतंत्र और प्राकृतिक रूप में मिलते हैंसमकालीन जनमतApril 21, 2019April 21, 2019 by समकालीन जनमतApril 21, 2019April 21, 201904346 दीपक सिंह व्यक्ति जिस समाज से आता है उसकी चेतना के निर्माण में उसका अहम योगदान होता है | विश्वासी एक्का की कविताओं से गुजरते...
कविता स्त्री को उसके वास्तविक रूप में पहचाने जाने की ज़िद हैं शैलजा की कविताएँसमकालीन जनमतJanuary 27, 2019March 1, 2019 by समकालीन जनमतJanuary 27, 2019March 1, 20193 4982 दीपक कुमार शैलजा पाठक से परिचय मित्र पीयूष द्वारा शेयर की गई उनकी कविता ‘कुसुम कुमारी’ के माध्यम से हुआ। पहली ही नजर में इस...
कविता ‘ अजीब समय के नए राजपत्र ’ के विरुद्ध तनकर खड़ी कवितादीपक सिंहDecember 9, 2018December 9, 2018 by दीपक सिंहDecember 9, 2018December 9, 201815087 पंकज चतुर्वेदी बहुत ही संवेदनशील और समय-सजग रचनाकार हैं | उनकी कविताओं से गुजरते हुए जन कवि गोरख पाण्डेय की कविता पंक्तियां बार-बार मन में...
जनमत ‘कुछ नॉस्टैल्जिया तो है’ हेमंत कुमार की कहानी ‘रज्जब अली’ मेंदीपक सिंहAugust 14, 2018August 14, 2018 by दीपक सिंहAugust 14, 2018August 14, 201810 1958 (कथाकार हेमंत कुमार की कहानी ‘ रज्जब अली ’ पत्रिका ‘ पल-प्रतिपल ’ में प्रकाशित हुई है. इस कहानी की विषयवस्तु, शिल्प और भाषा को...