समकालीन जनमत

Tag : तरक्कीपसंद शायरी

शख्सियत

याद ए मकबूल जायसी का आयोजन : चर्चा और ग़ज़ल संध्या 

समकालीन जनमत
  ‘मकबूल जायसी की शायरी हिंदुस्तानियत और इंसानियत से सराबोर’  ‘अब ये गजलें मिजाज बदलेंगी‘ लखनऊ। जन संस्कृति मंच (जसम) की ओर से ‘याद ए...
शख्सियत

आम अवाम के शायर कैफ़ी आज़मी

कैफ़ी आज़मी की पुण्यतिथि पर 14 जनवरी 1919. मिजवां, आजमगढ़ के जमींदार परिवार सैयद फतह हुसैन रिज़्वी और कनिज़ फातमा के घर अतहर हुसैन रिज़्वी...
शख्सियत

मोहब्बत और उम्मीद के शायर फ़िराक़ गोरखपुरी

 (उर्दू के मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी की पुण्यतिथि पर युवा कहानीकार, आलोचक विष्णु प्रभाकर का लेख। ) उर्दू शायरी में कहन पर जियादा जोर है।...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति

अभी चलता हूँ ज़रा ख़ुद को सँभालूँ तो चलूँ: असरार-उल-हक़ ‘मजाज़’ को याद करते हुए

विष्णु प्रभाकर
(19 अक्टूबर 1911 – 5 दिसम्बर 1955) साल 1911। इसी साल दो बच्चे पैदा हुए, आगे चलकर जिन्होंने अपनी शायरी से उर्दू अदब में खूब...
ख़बरस्मृति

फ़हमीदा रियाज़ का जाना

समकालीन जनमत
अशोक पांडेय “कब तक मुझ से प्यार करोगे? कब तक? जब तक मेरे रहम से बच्चे की तख़्लीक़ का ख़ून बहेगा जब तक मेरा रंग...
Fearlessly expressing peoples opinion