समकालीन जनमत

Tag : गांव

ख़बर

उपन्यास अगम बहै दरियाव पर राहुल सांकृत्यायन सृजन पीठ में गोष्ठी संपन्न

समकालीन जनमत
18 मार्च, मऊ जन संस्कृति मंच के तत्वाधान में राहुल सांकृत्यायन सृजन पीठ के सभागार में वरिष्ठ कथाकार शिवमूर्ति के प्रकाशित उपन्यास अगम बहै दरियाव...
ज़ेर-ए-बहस

भुला ! क्या हमारे लोग वाकई इतने भोले हैं!

पुरुषोत्तम शर्मा
कल देर तक 24 दिसंबर को देहरादून में हुई “मूल निवास भू-कानून लागू करो” रैली में आए नेताओं और लोगों के वक्तव्य सोशल मीडिया पर...
समर न जीते कोय

समर न जीते कोय-18

मीना राय
(समकालीन जनमत की प्रबन्ध संपादक और जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मीना राय का जीवन लम्बे समय तक विविध साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक...
साहित्य-संस्कृति

अल्पना मिश्र की कहानी के बहाने कुछ बातें

समकालीन जनमत
निकिता यदि हम अल्पना मिश्रा की कहानी ‘सुनयना! तेरे नैन बड़े बेचैन’ को पढ़ते हैं, तो हमें उस कहानी में कई चीजें सामने आती दिखती...
कवितासाहित्य-संस्कृति

साक्षी मिताक्षरा की कविताएं : गाँव के माध्यम से देश की राजनीतिक समीक्षा

उमा राग
आर. चेतन क्रांति गाँव हिंदी कविता का सामान्यतः एक सुरम्य स्मृति लोक रहा है, एक स्थायी नोस्टेल्जिया, जहाँ उसने अक्सर शहर में रहते-खाते-पीते, पलते-बढ़ते लेकिन...
जनमत

स्मृति का गांव बनाम रियल पिक्चर

समकालीन जनमत
ओंकार सिंह गांव की बात जेहन में आते ही एक पुर सुकून सा मंजर दिमाग में तैरने लगता है. खेत-खलिहान और इनके बीच दूर तक...
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