कविता अनिल अनलहातु की कविताएँ हमारी हताशा और जिजीविषा का अन्तर्द्वन्द्व हैंसमकालीन जनमतMarch 12, 2023March 12, 2023 by समकालीन जनमतMarch 12, 2023March 12, 2023068 प्रभात मिलिंद अनिल अनलहातु हमारे समय के विरल और अनिवार्य कवि हैं. कविताओं में वक्रोक्तियों का कारुणिक प्रयोग कैसे संभव हो सकता है, व्यंग्य में...
पुस्तक अनिल अनलहातु का पहला काव्य संग्रह ‘बाबरी मस्जिद तथा अन्य कविताएँ’ विकास के विडम्बनाबोध की अभिव्यक्ति हैकुमार मुकुलAugust 6, 2020August 6, 2020 by कुमार मुकुलAugust 6, 2020August 6, 202002811 अपनी विश्व प्रसिद्ध पुस्तक ‘सेपियन्स’ में युवाल नोआ हरारी संस्कृति और तथाकथित मनुष्यता पर सवाल उठाते लिखते हैं- …हमारी प्रजाति, जिसे हमने निर्लज्ज ढंग से...