जनमतस्मृति प्रेमचंद के फटे जूते: हरिशंकर परसाईसमकालीन जनमतJuly 25, 2019July 26, 2019 by समकालीन जनमतJuly 25, 2019July 26, 201905278 प्रेमचंद का एक चित्र मेरे सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। सिर पर किसी मोटे कपड़े की टोपी, कुरता और धोती पहने...
जनमतज़ेर-ए-बहसस्मृति प्रेमचंद साहित्य में दलित विमर्श: प्रो. चमनलालसमकालीन जनमतJuly 25, 2019July 27, 2019 by समकालीन जनमतJuly 25, 2019July 27, 201909313 प्रो. चमनलाल प्रेमचंद के दलित विमर्श को लेकर हिन्दी लेखकों में काफी विवाद है। प्रेमचंद के जीवनकाल के दौरान भी उनके साहित्य को लेकर विवाद...
साहित्य-संस्कृति किसान के क्रमिक दरिद्रीकरण की शोक गाथा है ‘गोदान’गोपाल प्रधानJuly 25, 2019December 9, 2019 by गोपाल प्रधानJuly 25, 2019December 9, 201913546 सन 1935 में लिखे होने के बावजूद प्रेमचंद के उपन्यास ‘गोदान’ को पढ़ते हुए आज भी लगता है जैसे इसी समय के ग्रामीण जीवन की...
जनमतशख्सियतसाहित्य-संस्कृतिस्मृति ‘सांप्रदायिकता और संस्कृति’ : प्रेमचंद (प्रेमचंद पर शृंखला की शुरुआत)समकालीन जनमतJuly 25, 2019July 25, 2019 by समकालीन जनमतJuly 25, 2019July 25, 201903143 31 जुलाई को कथाकार प्रेमचंद का जन्मदिन है। समकालीन जनमत अपने पाठकों के लिए आज से 31 जुलाई तक प्रेमचंद पर एक विशेष शृंखला की शुरुआत...
साहित्य-संस्कृतिस्मृति कॉ जौहर की स्मृतियां : एक क्रांतिकारी की अनकही कहानीसंतोष सहरNovember 30, 2018November 30, 2018 by संतोष सहरNovember 30, 2018November 30, 201803275 करीब 30 साल पुरानी बात है। भोजपुर में अपने गीतों-नाटकों के जरिये नये तरह के संस्कृतिकर्म की शुरुआत करनेवाली संस्था “युवा नीति” के “गांव चलो”...
जनमतशख्सियत खैनी खिलाओ न यार! /उर्फ / मौत से चुहल (सखा, सहचर, सहकर्मी, कामरेड महेश्वर की एक याद)रामजी रायJune 25, 2018June 25, 2018 by रामजी रायJune 25, 2018June 25, 20182 3177 अपने प्रियतर लोगों- कृष्णप्रताप (के.पी.), गोरख, कामरेड विनोद मिश्र, महेश्वर पर चाहते हुए भी आज तक कुछ नहीं लिख सका। पता नहीं क्यों? इसकी वज़ह...