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कथाकार फ़रज़ाना महदी जसम के संयोजक और संस्कृतिकर्मी कलीम खान सह संयोजक बने 

लखनऊ। जन संस्कृति मंच (जसम) की लखनऊ इकाई का पुनर्गठन किया गया है। कथाकार फ़रज़ाना महदी संयोजक और संस्कृतिकर्मी कलीम खान सह संयोजक बनाए गए। यह पुनर्गठन प्रेमचंद जयंती आयोजन के दौरान किया गया जिसकी अध्यक्षता जसम उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष व प्रसिद्ध कथाकार शिवमूर्ति ने की।

यह जानकारी जसम उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष कौशल किशोर ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।

फ़रज़ाना महदी मलिक मोहम्मद जायसी की जन्म स्थली जायस के रहने वाले हैं। उन्हें घर में एक अदबी माहौल मिला। बचपन में ही ‘मीर अनीस’, ‘मिर्ज़ा दबीर’, जोश मलीहाबादी’, ‘अल्लामा जमील मज़हरी’, ‘उस्ताद क़मर जलालवी’ जैसे शायरों से रूआशन हो गया था। 13 साल की उम्र में पहली कहानी ‘परिवार’ लिखी। इसी से कहानी लिखने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी बदस्तूर जारी है। हंस, कथाक्रम, परिकथा, वागर्थ, रेवान्त आदि पत्रिकाओं में कहानियां छप चुकी हैं। कविता और शायरी भी करते हैं। इनका झुकाव रंगमंच की तरफ़ भी है। समांतर, इलाहाबाद और अभिव्यक्ति, शाहजहांपुर से जुड़ाव रहा है। इसके अलावा कुछ और संस्थानों में भी काम किया। फ़िलहाल एक फ्री लांसर की हैसियत से सक्रिय हैं।

कलीम ख़ान संस्कृतिकर्मी और मीडियाकर्मी हैं। गोरखपुर रेडियो स्टेशन में कैजुअल एनाउंसर के तौर पर काम किया है। प्रतिरोध का सिनेमा, गोरखपुर एवं लोकरंग सांस्कृतिक समिति ( कुशीनगर ) के साथ कल्चरल एक्टिविस्ट के रूप में जुड़ाव रहा है। कविता और शायरी के साथ रचनात्मक, सामाजिक तथा राजनीतिक गतिविधियों में भी इनकी सक्रियता है।

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