समकालीन जनमत
साहित्य-संस्कृति

आज के नाम और आज के ग़म के नाम

समकालीन जनमत के फेसबुक लाइव कार्यक्रम में रंगनायक, बेगूसराय, हिरावल पटना के डी. पी. सोनी के बाद हिरावल पटना के संतोष झा ने अपने गीतों की प्रस्तुति दी। यह मजदूर दिवस की पूर्व संध्या पर 30 अप्रैल  की आखिरी प्रस्तुति थी।
दुनिया कोविड-19 की चपेट में है। यहाँ लॉकडाउन का दूसरा चरण समाप्त होने को है। करोड़ों लोग बेरोजगार हो चुके हैं। शहर से अपने गांव-घर के लिए निकले बहुत लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच  मशहूर अभिनेता इरफ़ान खान और ऋषि कपूर का  असमय चले जाना हमें और निराश कर गया।

एक तो ऐसा विकट समय, ऊपर से पटना कोविड 19 के लिहाज से रेड ज़ोन है । ऐसे में बहुत चाहकर और प्रयास करने के बावजूद हिरावल के और सदस्य इस कार्यक्रम में संतोष झा के साथ सम्मिलित नहीं हो सके ।

इस कठिन समय में हिरावल के संतोष झा ने फैज़ अहमद फैज़ की मशहूर नज़्म ‘इंतिसाब’ से आज के आखिरी लाइव का आगाज़ किया-

आज के नाम
और
आज के ग़म के नाम
आज का ग़म केः है जिन्दगी के भरे गुलसिताँ से ख़फा
ज़र्द पत्तों का बन जो मेरा देस है
दर्द की अंजुमन जो मेरा देस है
किलर्कों की अफसुर्दा जानों के नाम
किर्मखुर्दा दिलों और ज़बानों के नाम
पोस्टमैनों के नाम
तांगेवालों के नाम
रेलबानों के नाम
कारखानों के भोले जियालों के नाम
बादशाह-ए-जहाँ, वाली-ए-मासिवा, नायबुल्लाह-ए-फिल-अ़र्ज,दहकाँ के नाम।
जिसके ढोरों को ज़ालिम हँका ले गये
जिसकी बेटी को डाकू उठा ले गये
हाथ भर खेत से एक अंगुश्तं पटवार ने काट ली है
दूसरी मालिये के बहाने से सरकार ने काट ली है
जिसकी पग ज़ोर वालों के पावों तले
धज्जियाँ हो गई है

इसके बाद शमशेर बहादुर सिंह की कविता- य’ शाम है/कि आसमान खेत है पके हुए अनाज का।/लपक उठीं लहू-भरी दरातियाँ/ कि आग है/धुआँ धुआँ/सुलग रहा/गवालियर के मजूर का हृदय प्रस्तुत किया। आज के आखिरी लाइव का समापन उन्होंने फैज़ अहमद फैज़ के गीत

हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे,
इक खेत नहीं, इक देश नहीं, हम सारी दुनिया मांगेंगे

यां पर्वत-पर्वत हीरे हैं, यां सागर-सागर मोती हैं
ये सारा माल हमारा है, हम सारा खजाना मांगेंगे
गाकर किया।

अपनी प्रस्तुतियों के ठीक पहले संतोष ने मीठी बांसुरी की तान से दर्शकों का मन मोहा, तो वहीं अपने गीतों में हारमोनियम और ढपली का खूबसूरत इस्तेमाल किया ।

लाइव कार्यक्रम में मजदूर दिवस याज एक मई को दोपहर 2 बजे संगवारी थिएटर ग्रुप, दिल्ली से अनिरुद्ध का गायन होगा। शाम चार बजे वरिष्ठ कवि दिनेश कुमार शुक्ल का काव्य-पाठ और क्रमशः 7 और 9 बजे हिमांशु पंड्या चुनिद चुनिंदा कथा-अंशों का पाठ करेंगे व कोरस, पटना से सामता राय का गायन होगा।

यहाँ 30 अप्रैल के तीनों लाइव सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का लिंक दिया जा रहा है, जिसके माध्यम से आप इन प्रस्तुतियों तक  पहुँच सकते हैं ।

1. हिरावल, पटना से संतोष झा :

Hirawal पटना से Santosh Jha का गायन

Gepostet von Samkaleen Janmat am Donnerstag, 30. April 2020

2. हिरावल, पटना से डी. पी. सोनी

Hirawal पटना से @Bantu Dp का गायन 7 PM बजे होगा Hirawal पटना से Santosh Jha का गायन

Gepostet von Samkaleen Janmat am Donnerstag, 30. April 2020

3. रंगनायक, बेगूसराय

Rangnayak the left theatre बेगूसराय की गीत प्रस्तुति

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