गोरखपुर में 20 जुलाई को प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर झारखंड के पाकुड़ जिले में भारतीय जनता युवा मोर्चा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा किये गए हमले के विरोध में नगर निगम परिसर स्थित रानी लक्ष्मी बाई पार्क में राजनीतिक, सामाजिक व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने धरना दिया.
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि आज झारखण्ड में आदिवासी, मुस्लिम , आन्दोलनकारी और आमजन तो असुरक्षित नहीं ही रह गए हैं, स्वामी अग्निवेश जी पर हुए जानलेवा हमले ने दिखा दिया कि सामाजिक कार्यकर्त्ता भी सुरक्षित नहीं हैं . इस घटना ने यह भी दिखलाया है कि जो लोग सरकार व उसकी नीतियों से सहमत नहीं हैं , उनपर हमला करके चुप करा दिया जाएगा जो हमारे लोकतंत्र के लिए गंभीर ख़तरे का संकेत है. इसका हर स्तर पर संगठित विरोध किया जाएगा. भाजपा के वरिष्ठ मंत्री द्वारा स्वामी अग्निवेश को विदेशी एजेंट कहे जाने की तीव्र निंदा करते हुए कहा गया कि जो लोग विदेशी कॉर्पोरेट कंपनियों व निजी घरानों के हाथ देश को बेचने का अभियान चलाये हुए हैं वही जन मुद्दों की आवाज़ उठानेवालों को ऐसा कहकर बदनाम करते हैं .
वक्ताओं ने मांग की कि स्वामी अग्निवेश के सभी हमलावरों को कड़ी साजा दी जाय , पाकुड़ की घटना समेत राज्य में जितनी भी मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो रहीं हैं वे सुनियोजित और सत्ता संरक्षित हैं, इसलिए इनपर अविलम्ब रोक लगायी जाय . विरोध की आवाज़ को हिंसा व आतंक के बल पर कुचलने कि साज़िश बंद हो और लोकतंत्र व आन्दोलनकारियों पर हमले बंद हों .
का नेतृत्व झारखण्ड की जाने-माने सामाजिक कार्यकर्त्ता श्री घनश्याम , वरिष्ठ मानवाधिकार कार्यकर्त्ता फादर स्टेन स्वामी , फिल्मकार मेघनाथ , आन्दोलनकारी दयामनी बारला , जलेस के M.Z खान , संवाद के शेखर , जसम के अनिल अंशुमन , इप्टा के ललित , एआईपीएफ़ के नदीम खान , चुटिया नागपुर विकास समिति के प्रभाकर नाग , गरिमा अभियान की श्रावणी , मुस्लिम चैम्बर ऑफ कॉमर्स के एडवोकेट मो. रमजान , सामाजिक कार्यकर्त्ता सुषमा बिरुली के अलावे झुग्गी – झोपड़ी आन्दोलन के उदय व पंकज , एआईपीएफ़ की सीमा संगम , युवा सामाजिक कार्यकर्त्ता आकाश , एडवोकेट सच्चिदा , जमील , परवेज़ कुरैशी समेत कई अन्य लोगों ने किया .