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मोदी के गुजरात मॉडल में बिहारी मजदूरों की जगह नहीं

भोजपुर (बिहार). पिछले कई वर्षों से खास कर भाजपा राज्य गुजरात से प्रवासी उत्तर भारतीय मजदूरों को नस्लीय, जातिवादी  नफरत का माहौल बनाकर उनकी हत्या की जा रही है और उन्हें वहां से भगाया जा रहा है.

23 जनवरी 2019 को गुजरात में भाजपाइयों द्वारा बिहार के भोजपुर जिले के बड़हरा निवासी 35 वर्षीय नेमूलाल पासवान की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई.

नेमुलाल पासवान 1998 से गुजरात के फैक्ट्रियों में काम रहे थे। वह बिहार में अपने परिवार का जीवन चलाने में असमर्थ थे.  बिहार में उन्हें कोई रोजी रोजगार नहीं मिला जिसके कारण वह 20 वर्ष पहले गुजरात चले गये थे. हाल में ही उनके पिता का ब्रेनहेमरेज हुआ. वह पिता का का इलाज कराने घर आये. इलाज करा कर फिर गुजरात अपने काम पर लौट गए.

जब पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा था तो नेमुलाल पासवान की हत्या व सरकार की संवेदनहीनता के खिलाफ भोजपुर में सैकड़ों भाकपा- माले कार्यकर्ता सड़कों पर उतर गए. नेमुलाल पासवान के शव को पूर्वी गुमटी के पास रख कर सड़क जाम कर दिया गया. आन्दोलनकारी ‘ बिहारी मजदूरों की हत्या करना बंद करो ‘, ‘ बिहारी मजदूर नेमूलाल पासवान के हत्यारे को अविलंब गिरफ्तार करो ‘, ‘ उनके परिवार को 10 लाख मुआवजा दो ‘ , ‘ परिवार के एक सदस्य सरकारी नौकरी देने की गारंटी करो ‘, ‘ भाजपा भगाओ-देश बचाओ, भाजपा -भगाओ लोकतंत्र बचाओ ‘ , ‘ भाजपा-भगाओ संविधान बचाओ ‘ आदि नारे लगा रहे थे .

आन्दोलनकारियों को सम्बोधित करते हुए भाकपा-माले की केंद्रीय कमेटी के सदस्य व जिला सचिव जवाहर लाल सिंह, राजू यादव, इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंज़िल, तरारी विधायक सुदामा प्रसाद, दिलराज प्रीतम, अजित कुशवाहा, शिवप्रकाश रंजन, गोपाल प्रसाद, सुरेश पासवान, हरिनाथ राम,वार्ड पार्षद सत्यदेव कुमार, दीनानाथ सिंह,रमिता देवी ,जनार्दन गोड़,प्रमोद रजक, धीरेंद्र कुमार, अभय कुशवाहा ने कहा कि नरेंद्र मोदी – रूपानी की सरकार गुजरात में बिहार , उत्तर प्रदेश के मजदूरों को बर्बर तरीके से पिटाई कर वहाँ से भगाया जा रहा है. नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा देश में क्षेत्रीयता, नस्लीय -जातिवाद, नफरत, संप्रदायिकता का जहर घोला जा रहा है. संविधान को बदलने का प्रयास किया जा रहा है जबकि संविधान में यह साफ – साफ लिखा हुआ है देश के नागरिक को किसी भी जगह पर रहने का लोकतांत्रिक अधिकार हैं और इस अधिकार को भाजपा की सरकार छीन रही है. गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा आदि कई राज्यों से बिहारी मजदूरों को वहां से भगाया जा रहा है और यह भाजपा सरकार के संरक्षण में यह चल रहा है. देश के प्रधान सेवक व भाजपा के किसी सांसद, मंत्री, नेताओं का मुंह इसके खिलाफ नही खुलता.

नेताओं ने कहा कि बिहार में बिहारी स्वभिमान की बात करने वाली नीतीश कुमार की सरकार इन घटनाओं पर चुप्पी साधे बैठी है. नीतीश कुमार की सरकार बिहार में रोजगार के अवसर पैदा करती तो हमारे बिहारी मजदूर बिहार में रह कर अपना रोजगार पाते लेकिन ऐसा नीतीश-मोदी की सरकार करने में विफल रही है. आज देश में रोजगार के अवसर में भारी कटौती की जा रही है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था हमारी सरकार बनेगी तो देश में अच्छे दिन आएंगे. प्रतिवर्ष बेरोजगार नौजवानों को दो करोड़ रोजगार देने का वायदा की बात थी, लेकिन जब से देश में नोटबंदी जीएसटी लागू किया गया है तब से देश में बेरोजगारों की फौज खड़ी हो गई है. लाखों फैक्ट्रियां बंद हो गई है जिस वजह से हमारे बिहारी मजदूर विभिन्न राज्यों में दर-दर की ठोकर खा रहे हैं एवं वहां से उन्हें भगाया जा रहा है. भाकपा माले की ओर से इन बिहारी मजदूरों को लेकर उनकी सुरक्षा को लेकर लगातार संघर्ष कर रही है.

माले नेताओं ने नीतीश – मोदी सरकार व भोजपुर प्रशासन को असंवेदनशील करार दिया और कहा कि नेता और अफसर बिहारी मजदूर के हत्या पर उनके परिवार से मिलने तक नही गए. यह हत्या नीतीश सरकार के मुंह पर तमाचा है. गुजरात सरकार बिहारी मजदूर के शव को बर्फ की एक सिल्ली  भी मुहैया नही करा सकी जो संवेदनहीनता का प्रकाष्ठा है।

सरकार व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लोगों का गुसा

भाकपा माले कार्यकर्ता जब नेमुलाल पासवान का शव लेकर उनके गांव पहुंचे तो वहां सैकड़ों मजदूर – किसान , महिलाएं उनके शव को घेर कर रो पड़े. सभी सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त कर रहें थे. उनके आंखों में गम के साथ-साथ मोदी – रूपानी- नीतीश सरकार व भोजपुर के भाजपा-जद यू के जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नफरत व गुस्सा भी था. भाजपा का एक भी जनप्रतिनिधि नेमुलाल के परिजन से मिलने का साहस नहीं जुटा पाए. जब स्थानीय राजद विधायक पहुंचे तो जनता का विरोध झेलना पड़ा. गणतंत्र दिवस के कारण जिला के प्रभारी मंत्री, सांसद ,  विधायक सड़क जाम स्थल से सिर्फ  एक किलोमीटर की दूरी पर मौजूद थे लेकिन वे लोगों की बात सनने नहीं आये.

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