नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 3 फरवरी की रात नोएडा में जिम ट्रेनर को पुलिस द्वारा फर्जी इनकाउंटर में गोली मारे जाने की घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह में जवाब मांगा है। मानवाधिकार आयोग ने यूपी में इनकाउंटर पर कड़ी टिप्पणी भी की है और कहा है कि लगता है यूपी पुलिस अपने को स्वतंत्र समझ रही है और अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रही है।
मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि मीडिया में यह रिपोर्ट आई है कि पुलिस सब इंस्पेक्टर ने आउट आफ टर्न प्रमोशन पाने के लिए नोएडा में फर्जी एकाउंटर को अंजाम दिया। इस तरह की घटनाएं समाज में गलत संदेश दे रही हैं। अपराध से निबटने के लिए समाज में भय का माहौल बनाना सही कदम नहीं है। इस घटना में 25 वर्षीय युवक अपने दोस्त के साथ जा रहा था जब सब इंस्पेक्टर ने उसे गोली मारी और उसके जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का हनन किया।
आयोग ने कहा कि उसने 19 नवम्बर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के मीडिया में आए इस बयान का भी संज्ञान लिया था कि अपराधी जेल में होंगे या इनकाउंटर में मारे जाएंगे। आयोग ने इस बयान पर 22 नवम्बर को नोटिस जारी कर इस बारे में अपनी चिंताए जाहिर की थीं। इसके बाद भी इनकाउंटर की कई घटनाओं से यह लगता है कि पुलिस कर्मियों में कानून का भय या सम्मान नहीं है।
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