समकालीन जनमत
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पुस्तक

साधारण जन की कहानियां समेटे संग्रह

दुर्गा सिंह
  हरीश चन्द्र पाण्डे एक कवि के रूप में प्रतिष्ठित हैं। ‘कुछ भी मिथ्या नहीं है’, ‘एक बुरूंश कहीं खिलता है’, ‘भूमिकाएँ खत्म नहीं होतीं’,
पुस्तक

परवर्ती मार्क्स की राहें

2025 में वर्सो से केविन बी एंडरसन की किताब ‘द लेट मार्क्स’ रेवोल्यूशनरी रोड्स: कोलोनियलिज्म, जेंडर, ऐंड इंडिजेनस कम्युनिज्म’ का प्रकाशन हुआ । मार्क्स ने
स्मृति

जयंती पर याद किए गए मिथिलांचल के सुप्रसिद्ध जन कवि सुरेन्द्र प्रसाद

समस्तीपुर। मिथिलांचल के सुप्रसिद्ध जनकवि एवं मार्क्सवादी विचारक डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर 17 मई को जन संस्कृति मंच के तत्वावधान में ‘
स्मृति

कलाकारों को आज की जीवन-स्थितियों को चित्रित करना चाहिए : संतोष सहर

आरा: ‘‘ राकेश दिवाकर चित्रकला के क्षेत्र में एक अच्छे संगठक और कला के गहरे अध्येता थे। वे केवल यथार्थ के नहीं, बल्कि संभावित यथार्थ
साहित्य-संस्कृति

जेंडर और क्वीयर संवेदनशीलता कार्यशाला : क्वीयर जीवन इस व्यवस्था के लिए चुनौती है

लखनऊ, 19 मई। ऐसे समय में जब क्वीयर और जेंडर नॉन-कनफॉर्मिंग लोगों के अस्तित्व को या तो निशाना बनाया जा रहा है, या फिर बाज़ार
साहित्य-संस्कृति

लोक से कला को छीन बनाया गया शास्त्रीय : रणेंद्र

समकालीन जनमत
देहरादून।  रविवार को दून लाइब्रेरी एवं रिसर्च सेंटर में आयोजित प्रो. लाल बहादुर वर्मा स्मृति व्याख्यान की तीसरी श्रृखंला के तहत मुख्य वक्ता कथाकार व
इतिहास

अल्लाह बख़्श : महान शहीद जिसने समावेशी भारत के लिए अपने जीवन की आहुति दी

समकालीन जनमत
शम्सुल इस्लाम इस बात की गंभीर अकादमिक जांच की ज़रूरत है कि भारतीय मुसलमानों के बीच अल्लाह बख़्श (1895-1943) के नेतृत्व में एक शक्तिशाली जन-आधारित
साहित्य-संस्कृति

समलैंगिक रिश्तों की गहराई से पड़ताल करता है जया जादवानी का उपन्यास “ काया ”

समकालीन जनमत
रायपुर. जन संस्कृति मंच की रायपुर ईकाई द्वारा स्थानीय वृंदावन हॉल में वरिष्ठ  कथाकार जया जादवानी के नवीनतम उपन्यास काया ( मंजुल प्रकाशन ) का
कविता

मोहन मुक्त की कविताएँ भाषा में वर्णाश्रमी प्रपंचों को तोड़ने वाली राजनीतिक चेतना की बानगी हैं

समकालीन जनमत
केतन यादव एक पूर्वकथन यह कि मेरी भूमिका मात्र इस कवि से परिचय कराने की होगी बाकि बात कवि की कविताएँ खुद कहेंगी। यह एक
जनमत

आरएसएस मार्का राष्ट्रवाद  की हकीकत

22अप्रैल को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने पहलगाम के वैसरन घाटी में कायरतापूर्वक 26 पर्यटकों की हत्या कर दी। इस जघन्यतम हत्याकांड ने भारत की अंतरात्मा
ख़बर

आइसा के प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुमार के खिलाफ केस दर्ज करना अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है : जसम

समकालीन जनमत
लखनऊ। जन संस्कृति मंच ने आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुमार के खिलाफ फेसबुक पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सवाल पूछने
पुस्तक

‘निराला का कथा साहित्य’ पर आयोजित हुई परिचर्चा

समकालीन जनमत
पूजा   इलाहाबाद, जसम की जिला इकाई की श्रृंखला ‘किताब पर बातचीत’ के अंतर्गत दुर्गा सिंह की किताब ‘निराला का कथा साहित्य’  पर परिचर्चा 4
जनमत

फ़ायर और सीजफायर

समकालीन जनमत
भारत को कश्मीर मामले में किसी तीसरी ताक़त को हस्तक्षेप का मौका नहीं देना चाहिए भारत और पाकिस्तान के बीच तीन दिन तक चले सघन
स्मृति

भोजपुरी भाषा-साहित्य आंदोलन की जनपक्षीय आवाज थे डॉ. तैयब हुसैन ‘ पीड़ित ’

समकालीन जनमत
डॉ. तैयब हुसैन ‘पीड़ित’ को जन संस्कृति मंच की श्रद्धांजलि  प्रसिद्ध प्रगतिशील-जनवादी कवि, आलोचक, कहानीकार, नाटककार, निबंधकार और संपादक डॉ. तैयब हुसैन पीड़ित आज हमारे
कविता

रानी कुमारी की कविताएँ मनुष्य की गरिमा के पक्ष में उठाये गए सवाल हैं

समकालीन जनमत
अरविंद पासवान रानी की कविताओं से होकर गुजरना, मानो आईना में अपना ही अक्स देखना है। कवयित्री कल्पना के उड़ान पर सवार नहीं होती, बल्कि
पुस्तक

सविता भार्गव के कविता संग्रह ‘थमी हुई बारिश में दोपहर’ की पुस्तक समीक्षा

समकालीन जनमत
पवन करण मैं चुप रहकर समय को चीख़ में बदल देती हूँ.. कवि सविता भार्गव अपने एकांत में निवास करती हैं। एकांत ही उनका प्रकाश
ख़बर

भारत-पाक के बीच एक और युद्ध नहीं होना चाहिए : दीपंकर भट्टाचार्य

समकालीन जनमत
लखनऊ, 10 मई। भारत-पाक दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। दोनों के बीच युद्ध नहीं होना चाहिए। आतंकवाद और आपसी तनाव का हल कूटनीतिक रास्ते
इतिहास

1857 : साझी शहादत साझी विरासत की जीवित दास्तान

समकालीन जनमत
शम्सुल इस्लाम    1857 की जंग-ए-आज़ादी में हिन्दू-मुस्लमान-सिख साझी क़ुर्बानियों की हैरत-अंगेज़ अनकही दास्तानें : साझी विरासत जिसका हिन्दुत्वादी टोली मालियामेट करने में लगी है
इतिहास

1857 : आजाद कानपुर का प्रशासन और अजीमुल्ला खां

समकालीन जनमत
आलोक कुमार श्रीवास्तव    1857 के स्वाधीनता संग्राम में ब्रिटिश सेना को पीछे धकेलने वाले नगर कानपुर के लोगों ने जून और जुलाई 1857 में
जनमत

पहलगाम आतंकी हमला और युद्ध उन्मादी हिन्दुत्व

जयप्रकाश नारायण  रूस यूक्रेन के बीच मे चल रहे युद्ध को लेकर भारत में गोदी मीडिया और आरएसएस प्रचार तंत्र में ऐसा वातावरण बनाया था
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