समकालीन जनमत
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कहानी

आला-बाला-मकड़ी का जाला

समकालीन जनमत
अमित श्रीवास्तव  (इस कहानी को एआई -चैट जीपीटी- 04 O- के सहयोग से लिखा गया है।) साहिबान-ए-करम, मेहरबान, और कद्रदान! मैं हूँ दास्ताँ तराश—एक अदना
जनमत

‘ फूट डालो, राज करो ’ के औपनिवेशिक फंदे से सावधान !

संसद में महत्वपूर्ण बजट-सत्र चल रहा है। ट्रम्प प्रशासन रोजाना भारत को अपमानित कर रहा है और हमारे आर्थिक हितों पर चोट कर रहा है।
कविता

सुप्रिया मिश्रा की कविताएँ प्रेम में सहारे की नहीं साथीपन की तलाश हैं

समकालीन जनमत
नाज़िश अंसारी अनुभव सिन्हा निर्देशित “तुम बिन” फिल्म की ग़ज़ल “कोई फ़रियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे” में बहुत पहले ही हीरो ने हीरोइन
ज़ेर-ए-बहस

इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला स्तब्धकारी

समकालीन जनमत
दिनांक 17 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीश राम मनोहर नारायण मिश्र के द्वारा नाबालिग बच्ची के खिलाफ यौन शोषण के मामले में अपने
जनमत

‘नयी कहानी आन्दोलन और मार्कण्डेय की कहानियाँ’ विषय पर हुआ संवाद

दुर्गा सिंह
इलाहाबाद।  प्रसिद्ध कहानीकार मार्कण्डेय की पुण्यतिथि के अवसर पर एक संवाद-गोष्ठी का आयोजन हिन्दुस्तानी एकेडमी के गाँधी सभागार में किया गया। इस अवसर पर मार्कण्डेय
ज़ेर-ए-बहस

‘प्रोजेक्ट चीता’ मनुष्यों और पशुओं दोनों के लिये अनैतिक एवं अनुचित हैः अध्ययन  

आथिरा पेरिंचेरी स्थानीय लोगों से इस प्रोजेक्ट के बारे में न तो कोई सलाह-मशविरा किया और न ही उन्हें इसकी कोई जानकारी ही दी गयी
कविता

शिवांगी गोयल की कविताएँ और स्त्री अस्तित्व का आधुनिक स्वर

समकालीन जनमत
माया मिश्र आज जब हम इक्कीसवीं सदी का एक चौथाई हिस्सा जी चुके हैं तब यह प्रश्न अपने समूचेपन में हमारे सामने बार बार खड़ा
ख़बर

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : उत्सव से अधिक संघर्ष के संकल्प का दिन

लखनऊ। महिलाओं को समाज में जो स्पेस मिला है। उसके पीछे उनका संघर्ष है। धर्म, राज्य, जाति आदि की सत्ताएं अवरोधक रही हैं। वह आज
ख़बर

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : ऐपवा ने प्रदर्शन ,मार्च , सम्मेलन आयोजित कर महिला अधिकारों की आवाज बुलंद की

लखनऊ। ऐपवा ने आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस प्रदेश के कई जिलों में कार्यक्रम आयोजित किए। इस मौके पर उत्तर प्रदेश में बढ़ती हिंसा
पुस्तक

‘गीली मिट्टी पर पंजों के निशान’: विडंबनाओं को कविता की ताकत बनाता कवि

उमा राग
 कुमार मुकुल ‘गंगा सहला रही है मस्जिद को आहिस्ते आहिस्ते । सरकार ने अब वुजू के लिए साफ़ पानी की सप्लाई करवा दी है’ ‘एक
कविता

हेमन्त कुमार की कविताएँ सभ्यता-विकास को प्रश्नांकित करती हैं

कौशल किशोर डॉ. हेमन्त कुमार की कविता में ‘कटघरे के भीतर’  जीवन की पड़ताल हेमंत कुमार की कविताओं में प्रकृति, पर्यावरण, चिड़िया, गौरैया, जंगल, पहाड़,
जनमत

भारतीय महिला वैज्ञानिकों की चुनौतियाँ

समकालीन जनमत
भारत की आजादी से पहले, विज्ञान में महिलाओं की स्थिति चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि उन्हें गहरे जड़ जमा चुके सामाजिक और सांस्कृतिक मानकों से उत्पन्न महत्वपूर्ण
जनमत

स्त्री : देह पर नाचती वैश्विकता

प्रिया वर्मा पांव की दसों उंगलियों में ब्याह में बिछिया दबवाई का नेग भाभी का है, ससुरालिए देते हैं। गाली, रार, तानेबाजी के बीच सब
जनमत

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट के आईने में महिलाओं की स्थिति 

सरिता भारत  भारतीय समाज का मूल्यांकन इस बात से किया जा सकता है कि भारत में महिलाओं की स्थिति कैसी है ? देश में महिलाओं
साहित्य-संस्कृति

दमन के बूते ही स्थापित होता है वर्चस्व-सुदामा प्रसाद

समकालीन जनमत
लखनऊ। अनिल सिन्हा स्मृति व्याख्यान को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए भाकपा माले सांसद कामरेड सुदामा प्रसाद ने कहा कि कोई भी वर्चस्व हमेशा
जनमत

तूफ़ान में हलकान

समकालीन जनमत
स्टैनली जाॅनी ( लेखक -पत्रकार स्टैनली जाॅनी यह लेख ‘द हिन्दू’ से साभार लिया गया है जो 2 मार्च को प्रकाशित हुआ था। हिन्दी अनुवाद
कविता

समय से मुठभेड़ करती उषा राय की कविताएं

डॉ अवंतिका सिंह उषा राय प्रसिद्ध कहानीकार, कवि, नाटककार, और पर्यावरण प्रेमी हैं। उनका कविता संग्रह ‘ भीमा कोरे गांव और अन्य कविताएं ‘ 2023
ज़ेर-ए-बहस

भारत में फ़ासीवाद की शिनाख्त: अगर अब नहीं, तो कब ?

सीपीआई(एम) के आगामी 24वें कांग्रेस से पहले पार्टी की पोलित ब्यूरो द्वारा जारी एक आंतरिक नोट, जिसे मीडिया में प्रमुखता से रिपोर्ट किया गया है,
जनमत

भूमि-लूट का कारपोरेट रोडमैप और किसान आंदोलन का संकट

जयप्रकाश नारायण  इस दशक के शुरुआत में दुनिया ने भारत में बेमिसाल किसान आंदोलन देखा है। किसान विरोधी कॉर्पोरेट परस्त नीतियों  का विरोध करते हुए
पुस्तक

भारत का स्वाधीनता संग्राम और अमेरिका

गोपाल प्रधान
2014 में आक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस से सीमा सोही की किताब ‘इकोज आफ़ म्युटिनी: रेस, सर्विलान्स, ऐंड इंडियन एन्टीकोलोनियलिज्म इन नार्थ अमेरिका’ का प्रकाशन हुआ ।
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