बेगूसराय (बिहार ). बेगूसराय के दिनकर कला भवन में दो दिवसीय रंगताल नाट्योत्सव के अंतिम दिन 17 फरवरी को को भिखारी ठाकुर का लोक प्रसिद्ध नाटक ‘गबरघिचोर’ का मंचन रंग संस्था ‘रंगताल’ द्वारा किया गया।
नाटक गबरघिचोर एक ऐसी स्त्री की कहानी है जिसका पति शादी करने के तुरंत बाद परदेश कमाने चला जाता है। 15 साल बाद जब वह लौट कर आता है तो उसे पता चलता है कि उसका 12 साल का बेटा है. वह बच्चे को अपने साथ परदेश ले जाने का प्रयास करता है तो एक दूसरा व्यक्ति बच्चे का पिता होने का दावा पेश करता है. जिस मां ने बच्चे को जन्म दिया, अनेक कठिनाइयों से लालन-पालन किया उसे कोई पूछता ही नहीं, अपने पुत्र को प्राप्त करने के लिए संघर्षरत मां की कथा है यह नाटक।
नाटक का निर्देशन व परिकल्पना ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से नाट्यशास्त्र में स्नातक युवा रंग निर्देशक व रंग प्रशिक्षक रविन कुमार ने किया।
नाटक में मनीष कुमार, परशुराम, आँचल कुमारी, सिकन्दर कुमार शर्मा ने अपने उत्कृष्ट अभिनय से सबको प्रभावित किया। गबरघिचोर की भूमिका में रौशन कुमार ने अपने सशक्त अभिनय व लयात्मक गायन से दर्शकों का दिल जीत लिया। जल्लाद की भूमिका में अभिषेक व रौशन जोशी, ग्रामीण की भूमिका में आभा कुमारी व रामनाथ पासवान तथा कोरस की भूमिका में राधा, दिव्यांशु, अभिषेक एवं अंजलि का जीवंत अभिनय काफी प्रशंसनीय रहा। प्रकाश परिकल्पना प्रवीण गुंजन तथा संगीत निर्देशन नंदराज उर्फ शंभु सुशील कुमार एवं राजू उर्फ तन्नू ने संयुक्त रुप से किया। नाट्य प्रस्तुति का उद्घाटन प्रख्यात रंग निर्देशक अवधेश सिन्हा, परवेज़ यूसुफ़ और चंद्रशेखर कुमार ने किया.
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