Thursday, November 30, 2023
Homeजनमतअलीगढ़ की बच्ची के लिए न्याय मांगें - सांप्रदायिक फ़ेक न्यूज़ से...

अलीगढ़ की बच्ची के लिए न्याय मांगें – सांप्रदायिक फ़ेक न्यूज़ से बचें : कविता कृष्णन

अलीगढ़/ टप्पल में बच्ची की हत्या की घटना सामने आयी है. पुलिस के अनुसार, ज़ाहिद और असलम नाम के दो लोगों ने बच्ची के पिता से किसी कर्ज के मामले में बदला लेने के लिए बच्ची का गला घोंट दिया. इस जघन्य हत्या में न्याय ज़रूर होना चाहिए और हत्यारों को सज़ा मिलना चाहिए.
पर इस मामले को साम्प्रदायिक रंग देते हुए और कठुआ कांड – जो कि सांप्रदायिक मंशा से किया गया बलात्कार, प्रताड़ना और हत्या थी – से तुलना करते हुए कुछ फ़ेक न्यूज फैलाई जा रही है जिसे तूल नहीं दिया जाना चाहिए.

इस फेक न्यूज के अनुसार बच्ची का बलात्कार किया गया और आँखें नोच ली गई थीं, पर अलीगढ़ पुलिस ने सावधान किया है कि न तो बलात्कार का कोई सबूत है न तो आँखें नोच लिए जाने का, और न तो किसी सांप्रदायिक मंशा का।

कठुआ मामले में भाजपा के विधायकों ने आरोपियों के बचाव में जुलूस निकाला था, ‘हिन्दू एकता’ के बैनर तले.

अलीगढ़ के इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, उनके पक्ष में किसी ने ‘मुस्लिम एकता’ के नाम पर जुलूस नहीं निकाला है.

इसलिए इस घटना का सांप्रदायिक रंग दिया जाना न सिर्फ गलत है, बल्कि इससे बच्ची के लिए न्याय की एकतापूर्ण लड़ाई के कमज़ोर होने का खतरा है.
इस मामले में आरोपियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है.

पर समझ नहीं आ रहा कि इसमें पुलिस ने ‘NSA’ – राष्ट्रीय सुरक्षा कानून – क्यों लगाया है? हत्या की घटनाओं को, यहाँ तक कि बच्चों की हत्या के मामले में NSA लगाने का क्या तुक है? राष्ट्रीय सुरक्षा कानून एक दमनकारी कानून है. उसका औचित्य बताया जाता है कि अगर राष्ट्रीय सुरक्षा के ख़िलाफ़ कोई साजिश हो तो ऐसे कानून की ज़रूरत है. बच्ची की हत्या जघन्य ज़रूर है, पर अगर यह पिता के ख़िलाफ़ बदले की भावना से प्रेरित है तो इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा के ख़िलाफ़ साजिश कहाँ है?
इन सवालों को करना ज़रूरी क्यों है? क्योंकि हत्या के मामले को बलात्कार का मामला या राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताने से पीड़ित के लिए न्याय मिलना और भी कठिन हो जाता है. ऐसी घटना को साम्प्रदायिक दुष्प्रचार के लिए चारा बनाना, तो इस बच्ची के साथ सबसे घोर अन्याय है.

ऐपवा अलीगढ़ के उस बच्ची के लिए न्याय की मांग करती है और सबको सावधान करती है कि इस मामले में फ़ेक न्यूज से बचें.

कविता कृष्णन
कविता कृष्णन भाकपा माले की पोलित ब्यूरो की सदस्य और आल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन एसोसिएशन (एपवा ) की सचिव हैं
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments