जनमत लोकतंत्र नहीं, लिंचिंग तंत्रविरूपDecember 7, 2019December 7, 2019 by विरूपDecember 7, 2019December 7, 201902308 ‘बालवांश्च यथा धर्मं लोके पश्यति पूरुषः। स धर्मो धर्मवेलायां भवत्यभिह्तः परः।। लोक में बलवान पुरुष जिसे धर्म समझता है, धर्म-विचार के समय लोग उसी को...
जनमतव्यंग्य सब घाल-मेल है भाईविरूपNovember 27, 2019November 27, 2019 by विरूपNovember 27, 2019November 27, 201903104 जेएनयू का मसला चल ही रहा था कि हुक्मरानों की मेहरबानी से न्यायालय, संविधान, न्यायमूर्ति, राष्ट्रपति, राज्यपाल जैसे जुमले हवा में तैरने लगे हैं. पूरा...