प्रिय पाठकों,
आप सबसे यह साझा करते हुए ख़ुशी हो रही है कि समकालीन जनमत वेब पोर्टल की सामग्री में महत्वपूर्ण इजाफ़ा करते हुए जल्द ही आपको हमारे समय के जरुरी रचनाकारों के कॉलम पढ़ने को मिलेंगे.
इसी क्रम में आगामी शनिवार 25 अप्रैल से हिंदी के महत्वपूर्ण कथाकार और वरिष्ठ पत्रकार नवीन जोशी के संस्मरणों का कॉलम ‘ये चिराग जल रहे हैं’ शुरू होगा. नवीन जी ने वायदा किया है कि वे हर तरह के संस्मरणों से इस श्रृंखला को समृद्ध करेंगे.
नवीन जोशी ने ‘स्वतंत्र भारत’, ‘नवभारत टाइम्स’, ‘दैनिक जागरण’, ‘हिंदुस्तान’ और ‘दैनिक भास्कर’ अखबारों में करीब चालीस साल तक पत्रकारिता की. ‘हिन्दुस्तान’ के लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के सभी संस्करणों के कार्यकारी सम्पादक पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वे स्वतंत्र रूप से लेखन और पत्रकारिता कर रहे हैं. उनके दो कहानी संग्रह और दो चर्चित उपन्यासों- ‘दावानल’ और ‘टिकटशुदा रुक्का’ समेत छह पुस्तकें प्रकाशित हैं.
नवीन जी का एक और महत्वपूर्ण परिचय यह है कि उन्होंने 1980 के दशक में लखनऊ के अपने समकालीन कुमाउँनी युवाओं के साथ मिलकर ‘आँखर’ संस्था बनाई थी जिसमें वंशीधर पाठक’ जिज्ञासु’ जैसे संस्कृतिकर्मी भी शामिल थे .
समकालनी जनमत में शुरू होने वाले और कई महत्वपूर्ण कालमों के लिए इसे देखते रहिए.
इसका लिंक है : https://samkaleenjanmat.in/
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