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निशा के न्याय के लिये चन्दौली में ऐपवा ने शुरू की 48 घंटे की भूख हड़ताल 

चन्दौली। पुलिस की पिटाई से निशा की मौत मामले में निशा के न्याय के लिए ऐपवा ने बुधवार से जिला मुख्यालय पर 48 घंटे की  भूख हड़ताल शुरू कर दी ।

ऐपवा जिला सचिव प्रमिला मौर्य के साथ मानकुंवर, श्यामदेई, मंजूगोंड और संयुक्त किसान यूनियन से राजेश्वरी चतुर्वेदी 48 घण्टे की भूख हड़ताल पर हैं।

चन्दौली जिले में सैयद राजा थाने के ककरही के मनराजपुर गांव में एक मई को थाना प्रभारी उदय प्रताप सिंह के साथ कई पुलिसकर्मियों ने घर में घुसकर दो बहनों की बेरहमी से पिटाई की जिसमे एक निशा की मौत हो गईं और एक बहन गम्भीर रूप से घायल हो गई थी। तीन मई को ऐपवा के जाँच दल ने घटनास्थल का दौरा कर निशा के न्याय के लिए आंदोलन करने की घोषणा की थी।

बुधवार को निशा के न्याय के लिये चन्दौली में ऐपवा ने 48 घंटे की भूख हड़ताल शुरू की। ऐपवा जिला सचिव प्रमिला मौर्य के साथ ऐपवा टीम भूख हड़ताल पर बैठी है।

ऐपवा की राज्य सचिव कुसुम वर्मा ने इस मौके पर कहा की उत्तर प्रदेश में महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है। बिना किसी शिकायत पुलिस घरों के अंदर घुसकर बेटियों को मार रही है, उनकी हत्या कर रही है क्योंकि पुलिस को सरकार का पूरा संरक्षण मिला हुआ है। बेटी बचाओ बेटी पढाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार सरकार का असली चेहरा यह है कि यूपी में पुलिस को बेटियों के साथ हिंसा ,हत्या और बलात्कार करने की खुली छूट मिली है और कोई सुनवाई भी नहीं है इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा का बेटी बचाओ का नारा झूठा है। मुख्यमंत्री योगी बेटियो को नही यूपी पुलिस को बचाना चाहती है।

कुसुम वर्मा ने कहा कि चंदौली की घटना पुलिस की पुरुषसत्तात्मक सामंती घटिया मानसिकता की अमानवीय कार्रवाई है जिसमें आपसी रंजिश- पारिवारिक झगड़े और गुस्से का हल महिलाओं की ऊपर हिंसा करके निकाला जाता है और यही यूपी में योगी सरकार की महिलाओं के प्रति न्याय की मानसिकता को दर्शाता है जिसे इस सरकार का पूरा संरक्षण मिला है।

ऐपवा ने कहा कि घटना के 18 दिन के बाद भी अभी तक दोषी पुकिसकर्मियो की कोई गिरफ्तारी नही हुई है। इसलिए हाईकोर्ट से इस केस की जांच की जाए ताकि पीडित परिवार को न्याय मिल सके।

मिर्जापुर की किसानों और मजदूरों की नेता जीरा भारती ने कहा कि यूपी पुलिस स्वयं अपराध में लिप्त है। हाल में सिद्धार्थनगर ललितपुर, चन्दौली, गोंडा,आगरा , प्रयागराज की तमाम घटनाओं में पुलिस की संलिप्तता उजागर हो चुकी है।
जीरा भारती ने कहा कि प्रदेश में योगीराज-2 में बढ़ते अपराध पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है। चन्दौली जिले की घटना ने योगी सरकार के खूनी चेहरे को उजागर कर दिया है।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के ऊपर की जा रही हिंसा, हत्या और बलात्कार के जघन्य मामले में अपराधियों और बलात्कारियों को सजा नहीं मिल रही है बल्कि उल्टा योगी सरकार उन्हें संरक्षण दे रही हैं। मुख्यमंत्री लोकतंत्र को ध्वस्त करके यूपी को पुलिस स्टेट में तब्दील कर देना चाहते हैं लेकिन लोकतंत्र पसंद जनता ऐसा हरगिज नही होने देगी और न्याय के लिए जनता गोलबंद होकर सड़को पर आंदोलन करेगी।

ऐपवा वाराणसी जिला सचिव स्मिता बागड़े ने कहा कि 80 और 20 की चुनावी राजनीति करके जनता में साम्प्रदयिक जहर भरने वाली भाजपा सरकार का बुलडोज़र अब गरीबों और महिलाओं के दमन के लिए घरों में घुस रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के इस मंसूबे को ऐपवा बर्दाश्त नहीं करेगी और महिला विरोधी बुलडोज़र राजनीति के खिलाफ जनांदोलन को खड़ा कर रही है।

गाज़ीपुर से ऐपवा नेता मंजू गोंड ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नाम पर भाजपा की डबल इंजन की सरकार बेटियो की हत्या करवा रही हैं।
ऐपवा यूपी को पुलिस स्टेट बनाये जाने के ख़िलाफ़ और चदौली की निशा को न्याय दिलाने के लिए आगामी 20 जून को लखनऊ में राज्य स्तरीय धरना देगी।

आज धरना पर बलिया ऐपवा से लीलावती भारती, भदोही से कबूतरा देवी, चन्दौली से इंकलाबी नौजवान सभा से कक्षा 8 की छात्रा अनीता ने बात रखी। वाराणसी से ऐपवा जिला उपाध्यक्ष विभा प्रभाकर एवं वरिष्ठ सदस्य विभा वाही उपस्थित थी।
धरने का संचालन राज्य सचिव कुसुम वर्मा एवं वाराणसी जिला सचिव स्मिता बागड़े ने किया। आल इंडिया सेक्युलर फोरम से डॉ नूर फातिमा ने भी भूख हड़ताल को समर्थन दिया।

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