हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने गृह मंत्री को ठहराया हिंसा के लिए जिम्मेदार, मांगा इस्तीफा.
26 फरवरी, प्रयागराज ।
दिल्ली में जारी सरकार प्रायोजित हिंसा के खिलाफ आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सामने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया गया। दिल्ली की स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि वहां न तो कोई सरकार है और ना कोई कानून है, ना कोई अदालत है । वहां से आ रही खबरों को देखकर गंभीर चिंता होती है कि जब सबसे बड़े लोकतंत्र की राजधानी दिल्ली का यह हाल है तो वाकई देश के शहरों और गांव का गांव के क्या हाल होगा।
आज बड़ी तादाद में हाईकोर्ट के अंबेडकर चौराहे पर अधिवक्ताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की। इस इस दौरान हुई सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता के के राय ने कहा कि दिल्ली की हिंसा में सत्तारूढ़ भाजपा शामिल है और लंबे समय से सांप्रदायिक हिंसा करने की उसकी कोशिशों का ही परिणाम है । उन्होंने दिल्ली पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस की उपस्थिति में दंगाई खास समुदाय के लोगों की हत्याएं और घर जलाने की घटनाएं कर रहे हैं और पुलिस या तो खामोश है या दंगाइयों के संरक्षण में खड़ी है । उन्होंने दिल्ली की घटनाओं को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के माथे पर धब्बा बताया, जहां सत्ता खुद दंगा कराने में शामिल है। सभा को संबोधित करते हुए अधिवक्ता राम कुमार गौतम ने कहा कि दिल्ली की घटना पूरी तरह से सरकार प्रायोजित है और इसके लिए गृहमंत्री सीधे जिम्मेदार है।
सभा को संबोधित करते हुए अधिवक्ता मो0 सईद ने मांग की कि दंगा भड़कानेवाले कपिल मिश्रा को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और भाजपा के अन्य नेता, जिन्होंने उन्माद और हिंसा भड़काने में भूमिका अदा की, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस दौरान देश की साझा शहादत साझा विरासत जिंदाबाद, सांप्रदायिक एकता जिंदाबाद, केंद्र सरकार मुर्दाबाद, दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद, गृह मंत्री इस्तीफा दो, कपिल मिश्रा को गिरफ्तार करो, सांप्रदायिकता मुर्दाबाद आदि नारे लगाए गए।
इस दौरान अधिवक्ता विद्यार्थी जी महाप्रसाद, माता प्रसाद पाल, आशुतोष तिवारी प्रमोद गुप्ता, हृदय मौर्य, शमीम उद्दीन खान, मोहम्मद सरताज अहमद सिद्धकी, नफीस अहमद खान, घनश्याम मौर्य अनंत गुप्ता बुद्ध प्रकाश, हीरालाल, डब्लू ए सिद्धकी, रमेश यादव, चंद्र पाल, उस्मान, पंचम लाल, आसिफ, राजाराम कुशवाहा, कमलेश रतन यादव, एस. बी. सरोज, हया रिज़वी, सुनील मौर्य, वैरिस्टर सिंह, अमित,डी एन यादव, रेहान अहमद, रियाज़, अब्दुल जर्रार खान, नौशाद, आबिद, मो0 मुख्तार आदि सैकड़ों अधिवक्ता उपस्थित रहे। संचालन राजवेंद्र सिंह ने किया।