लखनऊ. अंतर्राष्टीय महिला दिवस के अवसर पर प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (एपवा) द्वारा 8 मार्च को लखनऊ में डाॅ अम्बेडकर प्रतिमा पर धरना आयोजित किया गया. इस अवसर पर हुई सभा को संबोधित करते हुए एपवा नेता मीना सिंह ने कहा कि मोदी-योगी राज में महिलाओं के ऊपर लगातार हमले बढ़े हैं. ये हमले संघ-भाजपा की महिला विरोधी सोच का परिणाम है.
एपवा की नेता तथा कवयित्री विमल किशोर ने कहा कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि हम महिलाओं ने दुनिया में जो कुछ हासिल किया है, वह हमारे संघर्ष की देन है. आज भी सबसे ज्यादा अत्याचार स्त्रियों पर ढ़ाये जा रहे हैं. कोई दिन ऐसा नहीं जब महिला उत्पीड़न की कोई घटना न घटित हो. सरकार इस समय ऐसी है जो बातें तो बड़ी बड़ी करती है पर स्त्रियों को पितृसत्ता के अधीन रखना चाहती है. ऐसे में हमारे लिए महिला दिवस आज ही नहीं है बल्कि रोज ही है. हमें संघर्ष के लिए अपने को हर हमेशा तैयार रखना है. आज के दिन इस बात का संकल्प लेना है। विमल किशोर ने अपने वक्तव्य का समापन ‘रुकली’ और ‘हवाएं गर्म है’ कविताएं सुनाकर की.
कायर्क्रम में गौरी लंकेश तथा आशमा जहाँगीर की परंपरा को आगे बढ़ाने का
संकल्प लिया गया. इस अवसर पर पूरी दुनिया में महिलाओं के अधिकारों तथा बराबरी के लिए चले संघर्षो तथा उनके योद्धाओं, वीरांगनाओ को याद किया गया तथा उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया गया. सभा में डाॅ अम्बेडकर-पेरियार-लेनिन की मूर्तियों पर हमलों की कड़ी निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पास किया गया और कहा गया कि ये तीनों ही महापुरुष महिलाओं की स्वतंत्रता और बराबरी के सबसे बड़े पैरोकारों में थे इसलिए लोकतन्त्र विरोधी-पितृसत्तामक ताकतों के निशाने पर हैं.
सभा की अध्यक्षता मंजू गौतम ने किया। इस अवसर पर जसम के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर तथा इंसाफ मंच के शकील कुरैशी ने भी महिलाओं को संबोधित किया।