शख्सियतआज भी किसान जीवन का यथार्थ है ‘पूस की रात’ by समकालीन जनमतAugust 2, 20200853 Share10 समकालीन जनमत के आयोजन ‘जश्न-ए-प्रेमचंद’ में पीयूष कुमार की आवाज़ में प्रेमचंद की कहानी ‘पूस की रात’