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तस्वीर: साभार गूगल
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मोदी सरकार की सीएए समर्थन रैलियों का ट्रेडमार्क नारा- ‘गोली मारो …’ और उसने गोली मार दी

  

नई दिल्ली. गांधी शहादत दिवस पर 30 जनवरी को छात्र जामिया से राजघाट तक तक शांति मार्च निकाल रहे थे। शांति मार्च जब जामिया नगर के सराय जुलैना चौक के होली फैमिली हॉस्पिटल के पास पहुँचा तभी गोपाल नामक एक शख्स हाथों में तमंचा लहराता हुआ प्रदर्शनकारियों के सामने आया और कई मिनट तक ‘जय श्री राम’, ‘दिल्ली पुलिस ज़िंदाबाद’ के नारे लगाने के बाद ‘मैं देता हूँ आजादी’ कहकर फायर कर देता है। उसके तमंचे से निकली गोली से शादाब आलम नामक युवक घायल हो गया। गोली मारने से पहले कई मिनट तक गोपाल प्रदर्शनकारियों को धमकाता रहता है। इस दरम्यान वहां मौजूद दिल्ली पुलिस के लोग हाथ बांधे तमाशबीन बने रहते हैं।

(घटना के वीडियो को एएनआईने किया ट्वीट)

बहरहाल दहशतगर्द गोपाल द्वारा जामिया के शांति मार्च में शामिल लोगों पर फायरिंग की घटना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा और भाजपा विधायक कैंडीडेट कपिल मिश्रा के साम्प्रदायिक और भड़काऊ बयानों के संदर्भ में देखे जाने की ज़रूरत है।

बजरंग दल का सदस्य है दहशतगर्द गोपाल, फेसबुक वॉल पर है दहशत फैलाने की पूरी प्लानिंग

रामभक्त गोपाल नाम से बनी (https://www.facebook.com/rambhakt.gopal )उस दहशतगर्द की फेसबुक प्रोफाइल का लिंक है जिसे देर शाम डिएक्टिवेट कर दिया गया है। उसके फेसबुक प्रोफाइल में उसके वॉल पर पूरी प्लानिंग मौजूद है। उसके फेसबुक प्रोफाइल से आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों के काम का वही पुराना गोडसे वाला पैटर्न दिखता है। गोपाल  बजरंग दल का सदस्य है बावजूद इसके उसने अपने फेसबुक पर लिखा है कि ‘## मैं सभी संगठनों से मुक्त हु…..।’

याद कीजिए आरएसएस और हिंदू महासभा से जुड़े होने के बावजूद गोडसे ने अपने बयान में कहा था कि वो किसी से नहीं जुड़ा है।

गोपाल सोशल मीडिया फेसबुक पर बहुत ज़्यादा एक्टिव रहता था और उसकी पोस्ट को कुछ ही घंटो में जबर्दस्त लाइक और शेयर किया जाता है। गोडसवंशी गोपाल ने आज प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने से पहले लगातार फेसबुक अपडेट करते हुए ये ये लिखा …

30 जनवरी की सुबह 10.43 मिनट: कृपा. सभी भाई मुझे SEE FIRST कर लें.

10.43 AM: जल्द बता दूंगा. उपदेश राणा.

10.44 AM: CAA समर्थन में बैठे एक शख्स की तस्वीर

12.53 PM: जामिया इलाके से एक फेसबुक लाइव, जिसमें भीड़ दिख रही है.

1.00 PM: एक मिनट में बहन ** रहा हूं.

1.00 PM: आज़ादी दे रहा हूं.

1.00 PM: मेरे घर का ध्यान रखना.

1.00 PM: मैं यहां अकेला हिंदू हूं.

1.09 PM: कॉल मत करो.

1.14 PM: मेरी अंतिम यात्रा पर. मुझे भगवा में ले जाएं और जय श्री राम के नारे हों.

1.22 PM: कोई हिंदू मीडिया नहीं है यहां.

1.25 PM: शाहीन भाग खेल ख़त्म

इसके बाद के कुछ फेसबुक लाइव में गोपाल कंधे में बैग धरे धरनास्थल पर नज़र आ रहा है। इन वीडियोज़ में वो कुछ बोलते नज़र नहीं आ रहा है।

सीएए-एनआरसी समर्थन रैली का ट्रेडमार्क नारा है – ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो …..’

मोदी सरकार और भाजपा द्वारा सीएए-एनआरसी समर्थन में निकाली गई रैलियों में ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो…..’, ‘ दिल्ली पुलिस जिंदाबाद’ और ‘किसको चाहिए आजादी, हम देंगे आजादी’ के नारे एनआरसी –सीएए समर्थन रैली के ट्रेडमार्क नारे बन जाते हैं।

22 दिसंबर 2019 को नागपुर के यशवंत स्टेडियम से संविधान चौक तक सीएए के समर्थन में भाजपा, आरएसएस, लोक अधिकार मंच ने संयुक्त रैली निकाली थी। इस रैली के केन्द्रीय मंत्री नितिन ग़डकरी और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने संबोधित भी किया था। इस रैली में भी तिरंगा लेकर जाते लोग लगातार देश के गद्दारों को गोली मारो को और हम देंगे आजादी के भड़काऊ नारे लगा रहे थे। उस रैली का विवादित नारों वाला वीडियो एएनआई ने ट्वीट किया है।

 

(नागपुर सीएए समर्थन रैली का वीडियो एएनआई की ट्वीट में)

मोदी – शाह ने  उग्रवादी युवकों को प्रतिक्रिया देने के लिए भड़काया

झारखण्ड विधानसभा चुनाव से लेकर दिल्ली विधानसभा चुनाव तक मोदी-शाह की जोड़ी ने लगातार सांप्रदायिक, भड़काऊ और मुस्लिम विरोधी बयानबाजी करके कट्टरपंथी हिंदू युवकों को प्रतिक्रिया करने के लिए भड़काया है।

मोदी ने ही इस नफ़रत को परवान चढ़ाया था। नरेंद्र मोदी ने 15 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के दुमका चुनावी मंच से बेहद साम्प्रदायिक बयान देते हुए कहा था- “ये जो आग रहे हैं,टीवी पर जो उनके दृश्य आ रहे हैं, ये आग लगाने वाले कौन हैं, उनके कपड़ों से ही पता चल जाता है।”

(मोदी के कपड़े वाले बयान का वीडियो एनडीटीवी के यूट्यूब एकाउंट पर)

वहीं 25 दिसंबर को दिल्ली के जवाहर लाल स्टेडियम में चुनावी रैली को संबोधित करके गृहमंत्री अमित शाह ने लोगो की साम्प्रदायिक भावना को भड़काते हुए शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ़ दिए अपने बयान में कहा था- “ बाबरपुर में ईवीएम का बटन इतने गुस्से के साथ दबाना कि करंट शाहीन बाग़ के अंदर लगे।”

(अमित शाह के करंट वाले बयान पर एएनआई की ट्वीट)

अनुराग ठाकुर और कपिल मिश्रा ने सार्वजनिक मंच से नारा लगवाया – ‘देश के गद्दारों को गोली मारो …..’

27 जनवरी को रिठाला से भाजपा के विधायक उम्मीदवार मनीष चौधरी के समर्थन में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सार्वजनिक मंच से ‘देश के गद्दारों को गोली मारो ….’ नारे लगवाए थे। उनका ये वीडियो वायरल हो गया था और लोगो ने हर तरफ से इसकी निंदा की थी। चुनाव आयोग ने भी इस पर रिपोर्ट तलब की थी।

(द प्रिंट न्यूज वेब पर अनुराग ठाकुर का वो विवादित वीडियो)

अनुराग ठाकुर द्वारा नारे लगवाने के ठीक चौथे दिन गोपाल नामक सनकी युवक जामिया में भीड़ पर वही नारे दोहराते हुए गोली चला देता है।

इससे पहले 22 दिसंबर 2019 को भाजपा विधायक प्रत्याशी कपिल मिश्रा ने भी अपने गुर्गों को साथ लेकर सीएए के समर्थन में आधी रात में एक रैली निकाली थी।

(कपिल मिश्रा के उस विवादित वीडियो को टाइम्स नाउ ने ट्वीट किया है)

इसके बाद कपिल मिश्रा ने शाहीन बाग़ को मिनी पाकिस्तान बताते हुए। 8 तारीख के चुनाव को इंडिया बनाम शाहीन बाग़ करके साम्प्रदायिक रंग देने की साजिश की थी।

भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के जहरीले बोल

इससे पहले भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने शाहीन बाग़ में सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ़ हो रहे विरोध प्रदर्शन पर जहरीले बोल बोलते हुए कहा था कि “अरविंद केजरीवाल भी यही कहते हैं कि मैं शाहीनबाग के साथ हूं औऱ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी यहीं कहते हैं कि मैं शाहीन बाग के साथ हूं। दिल्ली की जनता जानती है कि जो आग आज से कुछ साल पहले कश्मीर में लगी थी कि वहां पर जो कश्मीरी पंडित हैं…उनकी बहन-बेटियों के साथ रेप हुआ था…उसके बाद वो आग यूपी में लगती रही, हैदराबाद में लगती रही, केरल में लगती रही…आज वो आग दिल्ली के कोने में लग गई है। वहां पर लाखों लोग इकठ्ठे हो जाते हैं…और वो आग कभी भी दिल्ली के घरों तक पहुंच सकती है…हमारे घर में पहुंच सकती है…ये दिल्ली वालों को सोच-समझ कर फैसला लेना पड़ेगा…ये लोग आपके घरों में घुसेंगे…आपकी बहन-बेटियों को उठाएंगे…उनको रेप करेंगे…उनको मारेंगे। इसलिए आज समय है, कल मोदी जी नहीं आएंगे बचाने…अमित शाह नहीं आएंगे बचाने, आज समय है। आज अगर दिल्ली के लोग जाग जाएंगे तो अच्छा रहेगा…वो अपने आप को सुरक्षित आज भी महसूस करते हैं और वो खुद को तब तक केवल सुरक्षित महसूस करेंगे जब तक देश के प्रधानमंत्री मोदी जी हैं…अगर कोई और प्रधानमंत्री बन गया तो देश की जनता अपने-आप को सुरक्षित महसूस नहीं करेगी।”

(प्रवेश वर्मा के विवादित बयान की वीडियो एएनआई के ट्वीट में)

गांधी के शहादत वाला दिन यानि 30 जनवरी ही क्यों चुना गया

आरएसएस, भाजपा अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए हमेशा से एक खास दिन चुनते आए हैं इसका पूरा एक पैटर्न है। उन्होंने बाबरी मस्जिद भी गिराने के लिए 6 दिसंबर चुना था। बता दें कि 6 दिसंबर 1956 के दिन ही बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का परिनिर्वाण हुआ था। उनका बनाया संविधान देश को पंथनिरपेक्ष मुल्क़ का दर्जा देता था। अल्पसंख्यक अस्मिता की प्रतीक ‘बाबरी मस्जिद’ को गिराने के लिए 6 दिसंबर को चुना।

बहुत हद तक मुमकिन है कि गांधी के शहादत दिवस 30 जनवरी को कलंकित करने के लिए ही ये सब साजिश रची गई हो। जामिया में शांति मार्च निकाल रहे छात्रों पर गोली चलाने-चलवाने के पीछे के पीछे बहुत बड़ी साजिश है।

हिंदू सेना ने दी थी धमकी 2 फरवरी को शाहीन बाग़ खाली करवाने की

इससे पहले 29 जनवरी को हिंदू सेना नमक दहशतगर्द संगठन ने प्रेस रिलीज जारी करके 2 फरवरी को शाहीन बाग़ खाली करवाने की गीदड़ धमकी दी थी, लेकिन सरकार और प्रशासन की तरफ से हिंदू सेना पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। क्या सरकार और प्रशासन ने तमाम फ्रिंज संगठनों को फ्री हैंड दे दिया है। यदि ऐसा है तो देश ख़तरे में है।

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