लखनऊ। सीतापुर में पार्टी जिला सचिव को फोन पर जान से मारने की धमकी मामले में भाकपा (माले) के नेताओं ने शुक्रवार को गृह सचिव भगवान स्वरूप से एनेक्सी सचिवालय में मिलकर शिकायत की.
पार्टी के दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गृह सचिव से धमकी देनेवाले दबंगों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने, जिला सचिव अर्जुनलाल की सुरक्षा की जवाबदेही सरकार द्वारा लेने और दलित उत्पीड़न की घटनाओं में एफआईआर दर्ज कर न्याय दिलाने की मांग की.
माले नेताओं ने गृह सचिव को ज्ञापन देकर कहा कि सीतापुर के हरगांव थाना क्षेत्र के फिरोजपुर गांव की दलित महिला सुमन देवी की दबंगों (सामंती ठाकुरों) द्वारा पिटाई करने की पिछले महीने की घटना में एफआईआर दर्ज कराने के लिए भाकपा (माले) ने जिला मुख्यालय पर तीन हफ़्तों तक धरना दिया. फिर भी दलित महिला की एफआईआर दर्ज नहीं हुई. पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने से हमलावरों का मनोबल बढ़ा और उन्होंने धरना देने के कारण पार्टी जिला सचिव जो खुद भी दलित पृष्ठभूमि से हैं, को 14 अप्रैल को फोन पर जान से मारने की धमकी दे डाली. इसकी लिखित शिकायत तत्काल जिले के पुलिस अधीक्षक से की गई, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात रहा.
माले प्रतिनिधिमंडल ने दलित उत्पीड़न के एक अन्य मामले में जालौन जिले के आटा थानाक्षेत्र के कुसमरा गांव की घटना में एफआईआर दर्ज होने के बावजूद छह सप्ताह बीतने के बाद भी हमलावरों की गिरफ्तारी न होने की शिकायत की.
घटना में होली की रात ढोल बजाने से इनकार करने पर सामंती ठाकुरों ने दलितों और उनकी महिलाओं की घर में घुस कर न सिर्फ पिटाई की थी, बल्कि महिलाओं के कपड़े तक फाड़ डाले थे. संबंधित थाने ने हमलावरों के साथ मिलीभगत कर घटना के तीन दिन बाद सबसे पहले पीड़ित दलितों के खिलाफ ठाकुरों की झूठी एफआईआर दर्ज कर ली और उसके बाद दलितों की क्रॉस एफआईआर दर्ज की थी.
ये हमलावर एक बार फिर से दलितों को धमका रहे हैं, और उनकी पहुंच के चलते पीड़ित दलितों की जिले में सुनवाई नही हो रही है. इसमें माले नेताओं ने दलितों के खिलाफ हुई एफआईआर को निरस्त कर हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग की.