आज विश्व-विख्यात वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंग का कैम्ब्रिज में निधन हो गया| उनके द्वारा किया गया ब्रह्माण्ड के निर्माण और ब्लैक होल सम्बन्धी शोध क्रांतिकारी और अत्यंत महत्वपूर्ण है| उन्होंने सैद्धांतिक रूप से सिद्ध किया था कि ब्लैक होल्स एक प्रकार का विकिरण उत्सर्जित करते है जिसे हाकिंग विकिरण के नाम से जाना जाता है| वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ़ थियोरेटिकल कोस्मोलोजी के प्रोफ़ेसर और निदेशक थे|
उन्होंने विज्ञान के प्रचार प्रसार के लिए जीवन प्रर्यंत प्रयासरत रहे| उनकी किताब “समय का संक्षिप्त इतिहास” एक प्रभावाशाली पुस्तक है और यह दुनिया की सबसे अधिक बिकने वाली किताबों की सूची में शामिल है|
मात्र २२ वर्ष की उम्र में वह एक दुर्लभ बीमारी “मोटर न्यूरोन” से ग्रसित हो गए थे, जिसके कारण डॉक्टरों का मानना था कि उनका जीवन मात्र कुछ और वर्ष बाकी था| उनकी मृत्य निश्चित थी मगर वह अपने शोध में लीन थे| तमाम वर्ष तक दुर्लभ और घातक बीमारी से जूझते हुए स्टीफन हाकिंग ने डाक्टरों की भविष्यवाणी के विपरीत पूरे ५४ वर्ष अधिक गुज़ारे| हालांकि इस बीमारी के चलते उन्हें पूरे जीवन ह्वील-चेयर पर रहना पडा| वे इलैक्ट्रानिक उपकरण की सहायता से बोलते थे|
उनका जीवन विलक्षण प्रतिभा और मानवीय साहस प्रतीक है| वह जीवन भर ब्रह्माण्ड के निर्माण में ईश्वरीय शक्तियों के योगदान का विरोध करते रहे| उनका मानना था कि ब्रह्माण्ड ईश्वरीय शक्तियों की वजह से नहीं बल्कि वैज्ञानिक नियमों के आधार पर चलता है|
आज धरती ने अपना एक विलक्षण आभूषण खोया है जिसके जीवन का उद्देश्य यह जानना था कि इस ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति कैसे हुयी हुई यह किन नियमों से प्रचालित होता है| उनके निधन के कारण न सिर्फ वैज्ञानिक-समुदाय बल्कि पूरी दुनिया शोकाकुल है|