समकालीन जनमत

Tag : Gopaldas Neeraj

कवितास्मृति

वह पीड़ा का राजकुंवर था

समकालीन जनमत
नीरज प्यार की अहमियत और अपरिहार्यता पर बराबर इसरार करते रहे और वास्तविक जीवन में उसे असंभव जानकर उसकी करुणा से भी आप्लावित रहे. यथार्थ...
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