देश भर के 60 से ज्यादा संगठनों के तीस हजार से ज्यादा छात्रों और युवाओं ने यंग इंडिया अधिकार मार्च में हिस्सा लिया। मार्च लाल किला से शुरू होकर संसद मार्ग पहुँचा जहाँ एक बहुत बड़ी जनसभा हुई। दिल्ली पुलिस लाल किला से संसद मार्ग तक मार्च होने ही नहीं देना चाहती थी। पूरे कार्यक्रम के दौरान दिल्ली पुलिस का रवैया ऐसा ही बरकरार रहा।
मार्च शुरू हुआ तो मार्च को रोकने की कोशिश भी की गयी लेकिन छात्रों-नौजवानों की हिस्सेदारी को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने मार्च होने दिया। लाल किला से मोदी सरकार के खिलाफ, ‘रोजी-रोटी दे न सके जो वो सरकार निकम्मी है’, ‘200 पॉइंट रोस्टर लागू करो’, ‘शिक्षा का निजीकरण बंद करो’, ‘रिक्त पदों को भरना होगा, वरना तुमको जाना होगा’ इत्यादि नारों के साथ मार्च संसद मार्ग की तरफ बढ़ा। छात्रों और युवाओं के भारी जमावड़े ने अरुण जेटली के इस दावे को कि अगर भारत में उच्च बेरोजगारी होती तो बहुत बड़ी सामाजिक अशांति होती, को ख़ारिज कर दिया।
मार्च से पहले पचास दिन तक पूरे देश में कैम्पेन चला था, यंग इंडिया अधिकार चार्टर जिसमें मांग की गयी थी कि ▪ सरकारी नौकरियों में रिक्त पड़े सभी पदों को तत्काल भरा जाये। ▪ शिक्षा पर जीडीपी का कम से कम 10 फीसदी खर्च किया जाये। ▪ शैक्षणिक संस्थाओं में जातीय भेदभाव को खत्म करने के लिए रोहित एक्ट बनाओ, सभी कैम्पसों में जीएसकैश लागू करो।
जंतर मंतर पर विशाल जनसभा को युवा-छात्र नेताओं और राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने संबोधित किया। गुजरात के एमएलए जिग्नेश मेवाणी, पूर्व जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष एन साईं बालाजी, यूथ फॉर स्वराज से अनुपम कुमार, आइसा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुचेता डे, समाजवादी युवजन सभा के अध्यक्ष विकास यादव, आरवाईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंज़िल, पंजाब विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष कनुप्रिया, लोकायत से शारदा व अन्य कई नेताओं ने संबोधित किया।
आल इंडिया रेल एक्ट अप्रेंटिस, एसएससी आंदोलन, नार्थ ईस्ट स्टूडेंट्स फोरम, नागा स्टूडेंट्स फोरम के प्रतिनिधियों ने भी मार्च में हिस्सा लिया और जनसभा को संबोधित किया। कई राजनैतिक पार्टियों के नेताओं ने भी जनसभा को संबोधित किया। डीएमके से सांसद कनिमोझी, सीपीआई एमएल के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव, जीडीएस के सांसद दानिश अली, आरएलडी से त्रिलोक यादव, स्वराज इंडिया से योगेंद्र यादव के साथ जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो० अतुल सूद, एनएपीएम के नेता डॉ० सुनीलम ने भी ने इस जनसभा को संबोधित किया।
सभी वक्ताओं ने शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर कहा कि मोदी सरकार ने देश की शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है और देश के नौजवानों को रोजगार देने में विफल रही है। वक्ताओं ने कहा कि यंग इंडिया अधिकार मार्च एक बहुत महत्वपूर्ण संकेत है कि देश के नौजवानों की 2019 के आम चुनाव में भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने में निर्णायक भूमिका अदा करने जा रहे हैं।
यंग इंडिया अधिकार मार्च ने एक प्रस्ताव भी पारित किया कि यदि मोदी सरकार ने उनकी मांग फरवरी के अंत तक नहीं मानी तो यंग इंडिया अधिकार मार्च के सभी घटक संगठन 2019 के आम चुनाव में मोदी और भाजपा को हराने के लिए कैम्पेन करेंगे