10 दिसंबर, 2019
ताकत और पानी के बौछारों के सामने अडिग हजारों शिक्षक समायोजन की माँग को लेकर परिसर में महा रैली में शामिल
DUTA के बैनर तले दिल्ली विश्वविद्यालय के हजारों शिक्षकों द्वारा 4 दिसंबर 2019 से वीसी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन तथा धरना बगैर विराम के लगातार जारी है। आज शिक्षकों ने ‘महा रैली’ के नाम से ऐडहॉक और अस्थायी शिक्षकों के समायोजन की मांग को लेकर एक विशाल मार्च निकाला।
पुलिस बैरिकेड्स, बल प्रयोग और पानी की बौछारों का उपयोग भी परिसर में मार्च करने वाले शिक्षकों को रोक नहीं सकी और उन्होंने रिंग रोड पर एक संक्षिप्त प्रतीकात्मक बैठक की। सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन को यह निश्चित रूप से समझना चाहिए कि न्याय की मांग को क्रूरता के बल पर पराजित नहीं किया जा सकता है।
MHRD ने DUTA की कुछ जरूरी मांगों पर सहमति जताई है, जिसमें 28 अगस्त के DU सर्कुलर में संशोधन और पदोन्नति के सभी लंबित मामलों में 2018 कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के अनुसार पिछली सेवाओं की गिनती भी शामिल है। हालांकि, समायोजन और पदोन्नति के लिए कुल सेवा के वर्षों की गिनती की मांग MHRD द्वारा स्वीकार नहीं की गई है।
अमानवीय और शोषणकारी स्थितियां जिनके अंतर्गत एडहॉक शिक्षकों को कई वर्षों तक काम करने के लिए मजबूर किया गया है, जिसमें न्यूनतम कर्मचारी अधिकारों जैसे कि मातृत्व अवकाश आदि को अस्वीकार करना भी शामिल है, मात्र समायोजन के माध्यम से दूर किया जा सकता है।
DUTA नेतृत्व ने MHRD तथा VC पर ज़ोर दिया है कि ज्ञापन और पत्रों के रूप में बार-बार अपील के बावजूद, अब तक नजरअंदाज किए जा रहे सभी जरूरी और लंबित मुद्दों पर आगे की वार्ता शुरू करें। DUTA कुलपति को MHRD द्वारा किए गए वादों पर तुरंत कार्य करने के लिए भी कहता है। MHRD द्वारा DUTA की लंबित मांगों को पिछले वर्षों में लगातार नजरअंदाज करना जारी रहने ने शिक्षकों को एक व्यापक जन आंदोलन के लिए मजबूर किया है जिसे धमकियों से दबाया नहीं जा सकता।
(राजीब रे, डूटा अध्यक्ष, राजिंदर सिंह, डूटा सचिव द्वारा जारी )
अनुवाद: टीम समकालीन जनमत