नई दिल्ली। भाकपा माले ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के सुकमा में केंद्रीय सुरक्षा बलों के 22 जवानों की हत्या को निन्दनीय व दु:खद बताया है। मारे गए जवानों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए पार्टी ने कहा है कि रिपोर्ट के अनुसार इस हमले में 15 माओवादी भी मारे गए हैं।
भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि जब देश में ऐतिहासिक किसान आंदोलन चल रहा है और उसके साथ ही सार्वजनिक उद्यमों के निजीकरण के विरुद्ध मज़दूरों का संघर्ष, रोजगार के लिए युवाओं का संघर्ष तेज़ हो रहा है, और पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, ऐसे में माओवादियों का सैन्य हमला इन जनांदोलनों को , एवम वर्तमान चुनावों में आंदोलन के सवालों और जनहित के मुद्दों को प्रमुख बनाने की कोशिशों को अपूरणीय क्षति पहुंचाने वाला काम है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के बार बार दुहराए जाने वाले दावे कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में , बस्तर में आदिवासियों के बीच काम करने वाले लोकतांत्रिक कार्यकर्ताओं की धरपकड़, नोटबन्दी जैसी कार्यवाहियां इस क्षेत्र में माओवादी हिंसा और टकराव को खत्म कर देंगी, बारबार गलत साबित हुए हैं। केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि क्यों इंटेलिजेंस एजेंसियां और सरकारी कोशिशें पुलवामा और सुकमा जैसी घटनाओं को रोकने में बार बार नाकाम हो जाती हैं।