साहित्य-संस्कृति आज के नाम और आज के ग़म के नामविष्णु प्रभाकरMay 1, 2020May 1, 2020 by विष्णु प्रभाकरMay 1, 2020May 1, 202002468 समकालीन जनमत के फेसबुक लाइव कार्यक्रम में रंगनायक, बेगूसराय, हिरावल पटना के डी. पी. सोनी के बाद हिरावल पटना के संतोष झा ने अपने गीतों...
साहित्य-संस्कृति मशालें लेकर चलना कि जब तक रात बाकी हैसंजय जोशीApril 30, 2020May 3, 2020 by संजय जोशीApril 30, 2020May 3, 202002783 समकालीन जनमत के फेसबुक लाइव कार्यक्रम की कड़ी में हिरावल, पटना के डी. पी. सोनी ने अपने गीतों की प्रस्तुति दी । गीतों की श्रृंखला...
साहित्य-संस्कृति ‘ नज़र में कोई मंज़िल है तो मौजे-वक़्त को देखो ’समकालीन जनमतOctober 22, 2019 by समकालीन जनमतOctober 22, 201912178 मशहूर शायर रफ़ीउद्दीन राज़ ने ग़ज़लों और नज़्मों का पाठ किया पटना. आईएमए हाॅल, पटना में जन संस्कृति मंच ने 21 अक्टूबर को मशहूर शायर...
जनमत ब्राह्मणवाद और पितृसत्ता के तार आपस में काफ़ी जुड़े हैंसमकालीन जनमतMarch 10, 2018March 10, 2018 by समकालीन जनमतMarch 10, 2018March 10, 201802178 ( अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बनारस में ऐपवा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में संपृक्ता चटर्जी ने कैफ़ी आज़मी की नज़्म ‘उठ मेरी जान!…’ का पाठ किया...