भोजपुरी के नामी कवि-नाटककार भिखारी ठाकुर का यह नाटक अभी भी प्रासंगिक है. ‘गबरघिचोर’ सामाजिक संरचना में स्त्री की जगह, महिला-पुरुष सम्बंध और विभिन्न क़िस्म...
आसिफ़ा की याद में ‘कोरस’ नाट्य समूह द्वारा ‘आज़ाद वतन-आज़ाद जुबाँ’ नाट्योत्सव की शुरुआत आज से महिलाओं का सवाल सिर्फ़ महिलाओं का नहीं, वरन पुरुषों का भी है, पूरे समाज का: प्रो. डेजी नारायण अभिव्यक्ति की...