समकालीन जनमत

Tag : Prajna Gupta

कविता

ग्रेस कुजूर की कविताओं में नष्ट होती प्रकृति का दर्द झलकता है।

समकालीन जनमत
प्रज्ञा गुप्ता प्रकृति का सानिध्य किसे प्रिय नहीं। प्रकृति के सानिध्य में ही मनुष्य ने मनुष्यता सीखी; प्रकृति एवं जीवन के प्रश्नों ने ही मनुष्य...
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