कविता महेश पुनेठा की कविताएँ जीवन, प्रकृति और परिवेशगत विडंबनाओं को धारदार रूप में अभिव्यक्त करती हैंसमकालीन जनमतApril 3, 2022April 3, 2022 by समकालीन जनमतApril 3, 2022April 3, 2022096 कल्पना पंत ’भवानी प्रसाद मिश्र” की ’कवि’ शीर्षक कविता की आरंभिक पंक्तियाँ हैं “जिस तरह हम बोलते हैं उस तरह तू लिख और इसके बाद...