कविताजनमत भाषा के अनोखे बर्ताव के साथ कविता के मोर्चे पर चाक चौबंद कवि कुमार विजय गुप्तसमकालीन जनमतDecember 1, 2019December 1, 2019 by समकालीन जनमतDecember 1, 2019December 1, 201913287 नवनीत शर्मा इस कवि के यहां अनाज की बोरियों का दर्द के मारे फटा करेजा नुमायां होता है…। यह उन शब्दों की तलाश में है...