स्मृति ‘ संस्कृति खरगोश की तरह है, जो आने वाले खतरे का आभास देती है ’समकालीन जनमतMarch 20, 2018March 22, 2018 by समकालीन जनमतMarch 20, 2018March 22, 201803226 कौशल किशोर यह कैसा समय है कि साथ के लोग साथ छोड़े जा रहे हैं. कुंवर जी और दूधनाथ सिंह को हम ठीक से...
स्मृति ‘आदमी के उठे हुए हाथों की तरह’ हिन्दुस्तानी अवाम के संघर्षों को थामे रहेगी केदारनाथ सिंह की कविता : जसमसमकालीन जनमतMarch 20, 2018March 22, 2018 by समकालीन जनमतMarch 20, 2018March 22, 201802769 कवि केदारनाथ सिंह को जन संस्कृति मंच की श्रद्धांजलि जनतांत्रिक मूल्यों की अकाल-वेला में केदारनाथ सिंह की कविता जनप्रतिरोध के सारसों की अप्रत्याशित आवाज़ थी....
साहित्य-संस्कृतिस्मृति ‘ कविता भविष्य में गहन से गहनतर होती जाएगी ’मनोज कुमार सिंहMarch 20, 2018March 20, 2018 by मनोज कुमार सिंहMarch 20, 2018March 20, 201801804 ( प्रख्यात कवि प्रो. केदारनाथ सिंह ने 26 फरवरी 2016 को गोरखपुर के प्रेमचंद पार्क में प्रो परमानंद श्रीवास्तव की स्मृति में ‘ कविता...
स्मृति मै गांव-जवार और उसके सुख-दुख से जुड़ा हुआ हूंमनोज कुमार सिंहMarch 20, 2018June 23, 2020 by मनोज कुमार सिंहMarch 20, 2018June 23, 202002717 (ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने के बाद डॉ केदारनाथ सिंह से यह संक्षिप्त बातचीत टेलीफ़ोन पर हुई थी. यह साक्षात्कार दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुआ था. )...
स्मृति अलविदा, स्टार गुरु जी !संजय जोशीMarch 20, 2018March 20, 2018 by संजय जोशीMarch 20, 2018March 20, 201802050 मैंने 1989 के जुलाई महीने में जे एन यू के भारतीय भाषा विभाग के हिंदी विषय में एडमिशन लिया. कोर्स एम ए का था....
कविताशख्सियतसाहित्य-संस्कृति उठो कि बुनने का समय हो रहा हैसमकालीन जनमतMarch 19, 2018June 23, 2020 by समकालीन जनमतMarch 19, 2018June 23, 202002474 केदारनाथ सिंह की कुछ कविताएं मुक्ति का जब कोई रास्ता नहीं मिला मैं लिखने बैठ गया हूँ मैं लिखना चाहता हूँ ‘पेड़’ यह जानते...