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March 18, 2025
समकालीन जनमत

Tag : Jyotsna Mishra

कविता

यथार्थ और स्वप्न के लिए बराबर खुली हुई आँख हैं निकिता की कविताएँ

समकालीन जनमत
ज्योत्स्ना मिश्र दिये कहाँ जलाएं आखिर ?रोशनी से जगमगाते घरों में या अंधेरे से भरे हुए दिलों में निकिता नैथानी गढ़वाल से एक युवा जागरूक...
कविताजनमत

ज्योत्सना की कविताएँ स्त्री-मन की करुणा और सम्वेदना का समकालीन पाठ हैं

समकालीन जनमत
देवेंद्र आर्य ज्योत्सना की कविताएँ स्त्री-मन की करुणा और सम्वेदना का समकालीन पाठ पेश करती हैं , पर उनका समकाल विद्रूप या भौकाल बन कर...
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