स्मृति संघर्ष और स्वप्न का कवि रामेश्वर प्रशान्तसमकालीन जनमतJune 6, 2020June 6, 2020 by समकालीन जनमतJune 6, 2020June 6, 202002930 साहित्य की दुनिया में ऐसे भी रचनाकार हैं जिनकी साहित्य साधना जन संघर्ष का हिस्सा होती हैं। वे आत्मप्रचार से दूर रहते हैं। रामेश्वर प्रशान्त...
शख्सियतसिनेमा जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है !समकालीन जनमतJune 19, 2018 by समकालीन जनमतJune 19, 20184 2830 इस ख़त की कोई भूमिका नहीं हो सकती। इरफ़ान, जिनके सिरहाने की एक तरफ़ ज़िंदगी है और दूसरी तरफ़ अंधेरा, ने आत्मा की स्याही से...