समकालीन जनमत

Tag : Deepak Jaiswal

कविता

बाबुषा की कविताएँ जीवन को तप करके पत्थर के बरक्स पानी बना देने की हिमायती हैं

समकालीन जनमत
दीपक जायसवाल मेरे ज़माने की ऐसी लेखिका जिसे पानी पर लिखी तहरीरें पढ़ना आता है, बारिशें जिनकी पुरखिन हैं, जिनके यहाँ सूरज पर लगा ग्रहण,...
कविता

दीपक जायसवाल की कविताएँ अतीत और वर्तमान की तुलनात्‍मक प्रतिरोधी विवेचना हैं

समकालीन जनमत
कुमार मुकुल अतीत और वर्तमान के तुलनात्‍मक प्रतिरोधी विवेचन और वैचारिक जद्दोजहद दीपक जायसवाल की कविताओं में आकार पाते हैं। समय के अभेद्य जिरहबख्‍तर को भेद...
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